मुंबई: कोरोना की मार की सबसे दर्दनाक तस्वीर पलायन की है. देशभर के महानगरों से कामगार, मजदूर, श्रमिक वर्ग वापस अपने गांव जा रहे हैं. मुंबई की सड़कों की पहचान काली पीली टैक्सी पलायन का एक बड़ा साधन बनकर उभरी है. मुंबई से उत्तर भारत के लिए खासतौर पर पूर्वांचल और बिहार के लिए टैक्सी ड्राइवर अपनी टैक्सी में ही पूरा परिवार और साथ समान लेकर मुंबई से वापस घर जा रहे हैं. कुछ निकलने में सफल हुए तो कुछ को पुलिस ने रोक लिया है और वह मांग कर रहे हैं कि उन्हें अनुमति दी जाए कि वह टैक्सी से अपने गांव जा सकें.


लॉकडाउन के चलते पिछले 50 दिन से ज्यादा समय से मुंबई में टैक्सी का संचालन बंद है. लाखों की तादाद में मुंबई में टैक्सी चलती है, जिनमें से ज्यादातर टैक्सी चालक उत्तर प्रदेश बिहार के हैं. लॉकडाउन होने से उनकी स्थिति खराब हो गई है और अब टैक्सी से गांव घर के लिए निकल रहे हैं.


टैक्सी ड्राइवर अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें टैक्सी से मुंबई से बाहर जाने की अनुमति दी जाए. मुंबई में टैक्सीमेंस यूनियन के नेता एल कार्डोस सरकार से मांग की है कि 2 महीने से घर में खाली बैठे टैक्सी ड्राइवरों के परिवारों का पेट पालना मुश्किल है. लॉकडाउन खत्म होने की संभावना भी नहीं दिख रही है, इसलिए यूपी-बिहार के रहने वाली टैक्सी और ऑटो चालक अपने अपने वाहन से गांव घर जा सकें सरकार को ऐसी अनुमति दे.


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