नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन की मियाद बढ़ाकर साफ कर दिया कि देश में फिलहाल सामान्य आवाजाही इस दौरान शुरू नहीं होगी. साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि इस दौरान विदेशों से भी कोई आवाजाही नहीं होगी. जाहिर है इसने विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए भी फिक्र बढ़ाई है. हालांकि लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के साथ ही विदेशों से भारतीयों की वापसी का गलियारा निकालने के प्लान पर भी काम शुरू हो गया है.


इस बाबत जारी कवायदों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक विदेशों से भारतीयों के जिस घर वापसी प्लान पर काम हो रहा है उसमें फिलहाल 3 मई के बाद सीमित संख्या में विदेशों से उड़ानों को इजाजत देने की योजना है. हालांकि यह वापसी सशर्त होगी लिहाजा इसमें मेडिकल स्क्रीनिंग और कोविड19 टेस्ट के साथ-साथ 15 दिन के अनिवार्य होम क्वारंटीन जैसे प्रावधानों को भी रखा जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि विदेशों में मौजूद करीब डेढ़ लाख लोग हैं जिन्होंने विभिन्न दूतावासों के जरिए भारत वापसी की इच्छा जताई है. हालांकि असली संख्या का आकलन उड़ान के वक्त ही संभव है.


प्रस्तावित घर वापसी योजना में एयरपोर्ट पर विभिन्न समय अंतराल के साथ उड़ानों को इजाजत देने की व्यवस्था होगी. साथ ही भारत आने वाले लोगों को टेस्ट से भी गुजरना होगा. वहीं रैपिड टेस्ट के जरिए 6-7 घंटे में रिजल्ट आने तक उन्हें हवाई अड्डे पर ही रुकना होगा. टेस्ट पॉजिटिव आने पर व्यक्ति को जहां अनिवार्य आइसोलेशन में भेजा जाएगा. वहीं टेस्ट नेगेटिव रहने पर भी उसे होम क्वारंटीन में रहना होगा. क्वारंटीन के दौरान मोबाइल फोन के जरिए सतत निगरानी होगी. साथ ही परिवार से भी इसके लिए अंडरटेकिंग ली जा सकती है.


हवाई अड्डे पर टेस्टिंग की एक वजह पूर्व में हुई एयरपोर्ट स्क्रीनिंग के कुछ अनुभव भी हैं. जिनमें सामने आया कि लोग थर्मामीटर की पकड़ में न आने के लिए बुखार कम करने की दवा लेकर हवाई अड्डे पर पहुंचे थे. सूत्रों का कहना है कि हवाई अड्डे पर छह घंटे के इंतजार में जहां किसी तरह की बुखार उतारने वाली दवा का असर कम हो जाएगा. वहीं टेस्ट के दौरान उसका पता भी लग जाएगा.


हालांकि इस प्रस्ताव पर अभी स्वास्थ्य, गृह, विदेश और नागरिक उड्डयन समेत सभी मंत्रालय की अंतिम मंजूरी बाकी है. वहीं योजना पर क्रियान्यवन की मुहर इस बात पर भी निर्भर करेगी कि कोरोना मरीजों की संख्या का ग्राफ देश और दुनिया के अन्य मुल्कों में किस तरह बढ़ता है.


गौरतलब है कि कोरोना महामारी से बचाव की कवायद में 24 मार्च की मध्यरात्रि ने भारत ने सामान्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही पर रोक लगा दी. इस उड़ान प्रतिबंध के कारण कई भारतीय विदेशों में ही अटक गए जो भारत लौटना चाहते थे. साथ ही विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को लेकर भी फिक्र बढ़ी जिनके माता-पिता या पालक दूसरे मुल्कों में कोविड19 से बिगड़ते हालात के मद्देनजर उनकी खैरियत के लेकर खासे चिंतित हैं.


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