मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों में खतरनाक वृद्धि के बीच उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर लोग कोविड-19 पाबंदियों का पालन नहीं करते हैं, तब सरकार राज्य में पिछले साल की तरह सख्त लॉकडाउन लगाने पर विवश होगी. उन्होंने कहा, "अगर लोग वर्तमान में लागू किए गए कोविड-19 पाबंदियों का पालन नहीं करते हैं, तब हमें पिछले साल की तरह लॉकडाउन लगाने का विचार करना पड़ सकता है."
लॉकडाउन लगाने का संकेत
उन्होंने डॉक्टरों से भी अपील की कि एक इंजेक्टेबल दवा रेमडिसिविर का कोविड-19 के इलाज में सिर्फ गंभीर मामलों में ही इस्तेमाल करें. उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के परिजन डॉक्टर से रेमडिसिवर उपलब्ध कराने पर जोर देते हैं बिना संक्रमण की गंभीरता को समझे हुए. उन्होंने अपील की कि सिर्फ विषम परिस्थिति में ही रेमडिसिवर का इस्तेमाल करें और कुछ प्रबंध करने की जरूरत नहीं. सरकार उस सिलसिले में काम कर रही है. सभी विधायकों को कोविड-19 से जुड़े काम को अपने इलाके या विधानसक्षा क्षेत्र में कराने के लिए फंड का 1 करोड़ इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है. पिछले साल भी उन्हें 50 लाख उनके सालाना फंड से इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी.
महाराष्ट्र में 15 दिन का कर्फ्यू
ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार को पूरे राज्य में 15 दिन के कर्फ्यू का एलान किया हुआ है. 13 अप्रैल को सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य के नाम संबोधन में उन्होंने कहा था, "आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर कर्फ्यू 14 अप्रैल रात 8 बजे से प्रभावी होगी और 1 मई तक सुबह 7 बजे तक लागू रहेगी. आईपीसी की धारा 144 'लॉकडाउन जैसी' पाबंदियों तक लागू रहेगी."
महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक दिन में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा 63,729 ताजा मामले उजागर हुए. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संक्रमण के चलते 398 लोगों की जान चली गई. राज्य में पिछले एक दिन का सबसे ज्यादा आंकड़ा 11 अप्रैल को 63,294 दर्ज किया गया था जबकि 15 अप्रैल को आंकड़े में थोड़ी गिरावट देखी गई.
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