मुंबईः महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों को और भी नियंत्रण में लाने के लिए सरकार ने 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है. इस फैसले से अब महाराष्ट्र की रिटेल ट्रेडर्स एसोशिएशन ने नाराजगी दिखाई है, एसोशिएशन का कहना है कि लाखों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं और लॉकडाउन के चलते इसका असर उनकी रोजीरोटी पर हो रहा है. 


फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि मजराष्ट्र कैबिनेट ने लॉकडाउन बढ़ा दिया है, शाह ने चिंता जताते हुए कहा कि सरकार ने एक बाद भी हमसे इस बारे में बातचीत नही की और नाही ही हमने पूछा गया कि इन सबके चलते कितना नुकसान हो रहा है इसका असर व्यापार और रोजगार पर किस तरह से हो रहा है.


सरकार ने हमारे बारे में कोई भी निर्णय नही लिया जैसे कि कोई नुकसान को देखते हुए विशेष पैकेज या सब्सिडी दी जाए. अगर हम 95% असंगठित रिटेल क्षेत्रों की बात करे तो 4 अप्रैल से 31 मई तक छोटे और मध्यम आकार के रिटेल विक्रेताओं लगभग 69500 ​​करोड़ के व्यापार का घाटा होगा.


सरकार ने मुंबई जैसे शहर का भी उल्लेख नहीं किया है, जहां कोरोना मामले कम होते दिखाई दे रहे हैं और यहां पर अनलॉक की प्रक्रिया की जा सकती है, लेकिन उस पर भी चर्चा नहीं की जाती है.


ई-कॉमर्स और ऑनलाइन व्यापारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है जो बिना किसी डर के अधिसूचना का उल्लंघन कर रहे हैं और व्यापार कर रहे हैं और महाराष्ट्र के छोटे व्यापारियों के कारोबार को मिटा रहे हैं.


महाराष्ट्र सरकार द्वारा ई-कॉमर्स ऑनलाइन व्यावसायिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं करने पर FRTWA ने अदालत का रुख करने का फैसला किया है. हम कानूनी राय लेंगे और हस्तक्षेप करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और राज्य सरकार से ई-कॉमर्स के लाइसेंस रद्द करने के लिए कहेंगे जो महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन कर रहे हैं.


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