Lockdown: सरकार ने कहा- किसी को भूखा नहीं रहने देंगे, 3 महीने तक मुफ्त राशन देने का काम में तेजी
लॉकडाउन में सरकार की ओर से एलान किया गया है कि किसी को भी भूखा नहीं रहने दिया जाएगा.साथ ही गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त राशन देने का काम तेजी से चल रहा है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा योजना के सभी लाभार्थियों को अप्रैल, मई और जून में उनको मिलने वाले सस्ते अनाज के साथ साथ उसका दोगुना अनाज मुफ्त देने का एलान किया गया है. इसमें जून तक हर महीने 1 किलो मुफ्त दाल भी शामिल है.
दो तिहाई जनसंख्या को मुफ्त अनाज
लॉकडाउन के दौरान गरीबों को अनाज मिलने में हो रही देरी के लिए आलोचना झेल रही मोदी सरकार ने फिर कहा कि देश में किसी भी गरीब को भूखे नहीं रहने देंगे. सरकार की ओर से खाद्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार की ओर से घोषित गरीब कल्याण योजना का सभी राज्य पालन कर रहे हैं और सभी लाभार्थियों को मुफ्त अनाज देने का काम लगातार जारी है.
मंत्रालय के मुताबिक खाद्य सुरक्षा योजना के सभी 81 करोड़ लाभार्थी, जो जनसंख्या का करीब दो तिहाई है उनको मिलने वाले सस्ते अनाज के अतिरिक्त जून तक मुफ्त अनाज मुहैया कराने के लिए सभी राज्यों को अनाज भेजा जा रहा है.
120 लाख मीट्रिक टन अनाज की आवश्यकता
सरकार के मुताबिक गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज देने के लिए 120 लाख मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया गया है. इसमें चावल 1.04 लाख मीट्रिक टन जबकि करीब 19 लाख मीट्रिक टन गेहूं शामिल हैं. खाद्य मंत्रालय की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 6 मई तक इसमें से करीब 70 लाख मीट्रिक टन अनाज राज्यों ने मंगा लिया है.
इनमें चंडीगढ़ , लद्दाख , लक्षद्वीप , पुडुचेरी और अंडमान निकोबार ऐसे 5 प्रदेश हैं जिन्होंने पूरे तीन महीने का अनाज उठा लिया है. वहीं झारखण्ड , कर्नाटक , ओडिशा और राजस्थान समेत 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2 महीनों का जबकि बिहार , दिल्ली , उत्तर प्रदेश , बंगाल और महाराष्ट्र समेत 14 ऐसे केंद्र शासित प्रदेश और राज्य हैं जिन्होंने 1 महीने का अनाज उठा लिया है.
हरियाणा , पंजाब , राजस्थान और चंडीगढ़ ने केवल गेहूं लिया है जबकि दिल्ली और गुजरात ही ऐसे राज्य हैं जिन्होंने गेहूं और चावल , दोनों की मांग की है. इनके अलावा सभी राज्यों ने केवल चावल की मांग की है. इसके अलावा तीन महीने तक मुफ्त दाल मुहैया करवाने के लिए 5.82 लाख मीट्रिक टन दाल की आवश्यकता है जिसमें से 1.53 लाख मीट्रिक टन राज्यों तक पहुंचा दी गई है.
46000 करोड़ का बोझ पूरी तरह केंद्र सरकार उठा रही
गरीब कल्याण योजना पर कुल खर्चा 46000 करोड़ रुपए आने का अनुमान है जिसका वहन पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है. राज्यों पर कोई बोझ नहीं दिया जा रहा. इनमें अनाज की कीमत से लेकर उनके रखरखाव , आवागमन और राशन दुकान का कमीशन जैसे खर्च शामिल हैं. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक इस हिसाब से सरकार को चावल 39 रुपए प्रति किलो और गेहूं 28 रुपए प्रति किलो की दर से खर्च आ रहा है.
पीएम गरीब कल्याण योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए बुधवार को केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.
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