सोशल मीडिया में एक अजीबोगरीब लाठीचार्ज चर्चा का विषय बना हुआ है. एक वीडियो है जिसमें तीन लोग बारी-बारी से एक दूसरे को लाठी से पीट रहे हैं. वीडियो में एक महिला है जो जोर-जोर से चिल्लाती है तो लाठियां चलती हैं. क्या है वीडियो और उसका सच. हम आपको बताते हैं.


पहले समझिए वीडियो में है क्या 
वीडियो में तीन किरदार हैं. दो युवक हाफ पैंट और टीशर्ट में दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से एक के हाथ में डंडा है. तीसरा किरदार है वर्दी में दिख रही महिला का. वर्दी में दिख रही महिला दहाड़ते हुए कहती है- 'मार..' जब दर्द से कराहने की आवाज आती है तो महिला पूछती है- 'अब समझ में आई लॉकडाउन में बाहर निकलने पर कैसे लगता है. जब पुलिस वाला मरता है तो कैसे लगता है. जब डॉक्टर मरता है तो.. और तुमको तफरीह करनी है.
मार....'


इसके बाद दोबारा लाठी पकड़े युवक सामने मौजूद शख्स को मारता है. इसके बाद दूर जींस शर्ट पहने और मुंह पर रूमाल बांधे शख्स को लाठी थमाई जाती है. उसको चेतावनी दी जाती है कि अगर उसने लाठी धीरे चलाई तो फिर उसे ही लाठी खानी होगी. इसके बाद महिला जवान कहते हुए सुनाई देती है कि सजा देने के लिए लाठी उन्हीं लोगों के हाथ में क्यों सौंपी गई जो लॉकडाउन तोड़कर घर से बाहर निकले थे.


सवाल ये है कि आखिर ये वीडियो कहां का है, वर्दी में दिख रही ये महिला कौन है और वो युवकों को एक दूसरे से क्यों पिटवा रही है? इन सवाल का जवाब हमें वॉट्सऐप पर वायरल इस वीडियो से ही मिला जिसमें इसे मध्य प्रद्रेश के इंदौर का बताया जा रहा था.


अब जानिए वीडियो का सच
ABP न्यूज ने इंदौर में मौजूद अपनी टीम से संपर्क किया. हमारी टीम ने वीडियो की पड़ताल शुरू की. वीडियो की जांच में हमें सबसे पहले इंदौर शहर के एक फोटोग्राफर मिले हमने उन्हें वीडियो दिखाया. तो पता चला कि वीडियो इंदौर के सीतलामता बाजार का है. वीडियो में दिखाई दे रही महिला सराफा थाना की प्रभारी अमृता सोलंकी ही हैं जो अपने सख्त रवैये के लिए मशहूर हैं.


इसके बाद एबीपी न्यूज की टीम अमृता सोलंकी की तलाश में निकली ताकि ये जान सकें कि सजा का ये तरीका क्यों अपनाया और वो युवक कौन थे? तो वो ड्यूटी पर मौजूद थीं.. और लॉकडाउन का पालन करवा रही थीं. अमृता सुनिश्चित कर रही थीं कि कोई भी लॉकडाउन को तोड़ने की हिम्मत ना करे.


हमने अमृता सोलंकी को वायरल वीडियो दिखाया और उस दिन की कहानी पूछी तो उन्होंने हमे बताया वीडियो 20 अप्रैल का है. उन्हें शिकायत मिली थी कि तीन-चार लोग रोज ऐसे ही वहां घूमते हैं.. उनको और पूरे मोहल्ले को सीख देने के लिए उन्होंने ये तरीका निकाला था.


थाना प्रभारी अमृता सोलंकी ने हमें बताया कि लॉकडाउन तोड़ने के खिलाफ वीडियो में उनकी जो पीड़ा दिखाई दे रही है वो उनके साथी की मौत की वजह से थी. दरअसल उसी दिन अमृता के साथी की कोरोना की वजह से मौत हो गई थी. अमृता सोलंकी ने कहा, "सुबह ही हम अपने साथी थे जूनी हम उनको मुक्तिधाम छोड़कर आए थे. हमें लगा हम मरने पर खड़े हैं और जनता को समझ नहीं आ रही है. हम क्यों इनके बारे में सोचे हम पकड़े भी तो क्या पता यह पॉजिटिव हो तो कही न कही हमारा भी परिवार है तो ऐसे में काम भी करना है और यह भय को भी तोड़ना था ऐसे में यही तरीका निकाला था!." हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो सच साबित हुआ है.


यहां देखें वायरल वीडियो



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