नई दिल्ली: सेना से रिटायर्ड सूबेदार मेजर एमपी जोशी उत्तराखंड के गोचर में रहते हैं वे हार्ट, किडनी और डायबिटीज के पेशेंट हैं,उनका बेटा दिल्ली से उन्हें दवाइयां भेजता है. लॉकडाउन की वजह से कुरियर सेवा बंद थी और इसलिए उनका बेटा उन्हें दवाइयां नहीं भेज पा रहा था, जब एबीपी एबीपी न्यूज़ ने मंत्री रविशंकर प्रसाद से इस बारे में संपर्क किया और जोशी के लिए जीवनदायिनी दवाइयों को भेजना जरूरी बताया तो मंत्री रविशंकर प्रसाद का दफ्तर तुरंत हरकत में आ गया. गोल डाकखाने के एक बड़े अधिकारी को दवाइयों को तुरंत गोचर स्पीड पोस्ट से पहुंचाने के निर्देश दिए गए.


दिल्ली से गोचर की दूरी लगबघ 400 किलोमीटर दूर है और यहां तक पहुंचने का रास्ता घुमावदार और दुर्गम पहाड़ी से होकर जाता है, दिल्ली से 12 घंटे बिना रुके चलने पर ही यहां पहुंचा जा सकता है, स्पीड पोस्ट डिपार्टमेंट ने एमपी जोशी की इन दवाइयों को समय रहते पहुंचा दिया. भारतीय डाक विभाग के पोस्टमैन अनूप देवली ने यह दवाइयां गोचर में मेजर सूबेदार रिटायर्ड एमपी जोशी को आज सुबह डिलीवर कर दी, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैं तुरंत दवाइयों से भरे इस पार्सल को लेकर घर में पहुंचे और जरूरी दवा को तुरंत खा लिया, राशि


रिटायर्ड मेजर सूबेदार एमपी जोशी ने कहा," मैं गोचर में रहता हूं मेरा बेटा दिल्ली में रहता है वहीं से दवाइयां भेजता है.लॉकडाउन में दवाई नहीं आ पा रही थी लेकिन मंत्री जी के कहने के बाद अब मुझे दवाइयां मिल गई है उनका शुक्रिया."


रविशंकर प्रसाद इस मामले पर पूरी नजर रखे हुए थे जैसे ही उनको जानकारी हुई के पार्सल रिटायर्ड मेजर सूबेदार एमपी जोशी को मिल गया है तुरंत उन्होंने इस पर खुशी जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा....


" It is the dedication of every official at @IndiaPostOffice which is making it possible .
इंडिया पोस्ट देश के कोने कोने तक दवा पहुंचा रहा है और देश बदले में दुआ दे रहा है। #IndiaFightsCorona"


इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे ट्विटर पर लिखा, "मैंने डाक विभाग के सचिव को विशेष निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन के दौरान स्पीड पोस्ट के द्वारा भेजे जा रहे दवाओं के पार्सल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. डाकविभाग का हर अधिकारी/ कर्मचारी ये सुनिश्चित करे कि दवाओं को भेजने और प्राप्त करने में किसी को कोई दिक़्क़त ना हो."


जाहिर तौर पर देश के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बड़े शहरों से दवाइयां भेजी जाती है और ज्यादा तक दवाई स्पीड पोस्ट पार्सल या कुरियर के जरिए ही भेजी जाती हैं. लॉकडाउन के समय प्राइवेट कोरियर बंद है ऐसी सूरत में सिर्फ सरकारी सेवा डाक विभाग और स्पीड पोस्ट का ही भरोसा है. रविशंकर प्रसाद के इस आदेश के बाद उम्मीद है कि देश के दूसरे कोने में भी दवाइयों का इंतजार कर रहे लोगों को तुरंत दवाइयां और उसकी स्पीड पोस्ट कोरियर समय पर मिल सकेंगे.


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