नई दिल्ली: लॉकडाउन के तीसरे चरण के साथ ही अब बहुत सारे ऐसे लोग भी सड़कों पर आ गए हैं जो लॉकडाउन 1 और 2 के दौरान खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे थे. लोगों का कहना है कि अब उनको जानकारी मिली है कि सरकार उनको उनके गृह राज्य और कस्बों तक पहुंचा देगी. लिहाजा वह उन बसों की तलाश में निकल पड़े हैं जहां से सरकारी बसें लोगों को लेकर अलग-अलग जगहों पर जा रही हैं. लॉकडाउन 1 और 2 के दौरान लोग निकल नहीं सकते थे लेकिन अब थोड़ी छूट मिली है तो वह निकले हैं.


लॉकडाउन 1 और 2 के दौरान फंसे कई लोग उतरे सड़कों पर


नोएडा में भी ऐसे कई लोग सड़कों पर नजर आए जो लॉकडाउन 1 और 2 के दौरान तक तो अलग-अलग जगहों पर मौजूद थे, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन 3 की शुरुआत हुई और उसमें कुछ रियायतों की बात सामने आई तो ऐसे लोग सड़कों पर दिखने लगे.


हाल ही में केंद्र सरकार के आदेश के बाद अलग-अलग राज्य सरकारों ने अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों को भेजने और बुलाने के लिए बसें चलानी शुरू की. जिसके बाद जो लोग लॉक डाउन 1 और 2 के दौरान खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे थे वह अब लॉक डाउन 3 के दौरान उन बसों की तलाश में निकल पड़े हैं जो पिछले करीब 40 दिन से कहीं ना कहीं फंसे हुए थे.


हालांकि इसमें से अधिकतर लोग ऐसे थे जिन्होंने सरकारी फॉर्म भरा था कि उनको उनके राज्य, जिलों और कस्बों तक भेजा जाए. नोएडा में सड़कों पर जो लोग नजर आए उसमें से कई लोगों का कहना था कि उनको जानकारी मिली है कि विभिन्न राज्यों, जिलों और कस्बों तक जाने वाली बसें अलग अलग जगहों से चल रही हैं. इसी वजह से वो लोग घरों से निकले हैं उन बसों की तलाश में जो सरकार की ओर से चलाई जा रही है.


लोग उन जगहों पर पहुंचने की कर रहे कोशिश जहां से सरकारी बसें चलाई जा रही हैं


नोएडा की एक सड़क पर एक ऐसा ही परिवार उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का रहने वाला मिला. परिवार में कई लोग पैदल चले जा रहे थे और उनका सामान एक ठेले पर था. बात करने पर पता चला कि यह परिवार नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक पैदल जा रहा है. परिवार के सदस्य राहुल ने बताया कि वह खुद उसके पिता और उसके भाई ग्रेटर नोएडा में कंपनी में काम करते हैं लेकिन पिछले 40 दिनों से कंपनी बंद है और उनके पास कोई काम नहीं है, कमाई बंद हो गई है.


वहीं राहुल की मां, बहन, पत्नी और उनके बच्चे नोएडा में रह रहे थे क्योंकि यहीं पर उनकी पढ़ाई चल रही थी. ऐसे में राहुल की मां, बहन और उनके बच्चे नोएडा में थे और खुद राहुल उनके पिता और भाई ग्रेटर नोएडा में. पिछले कुछ दिनों के दौरान जानकारी मिली कि सरकार फंसे हुए लोगों को उनके राज्यों, जिलों, कस्बों और गांवों तक भेजने के लिए बसें चला रही है लेकिन उसके लिए फॉर्म भरना होगा और फॉर्म भरने के बाद ही लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजा जा सकता है.


जिसके बाद राहुल ने अपने पूरे परिवार के साथ फॉर्म भरा. उनको जानकारी मिली कि यह बसें ग्रेटर नोएडा से चलाई जा रहीं हैं. लिहाजा वह ग्रेटर नोएडा की तरफ पैदल ही पूरे परिवार के साथ निकल पड़े. राहुल का कहना है कि वो इस वजह से ग्रेटर नोएडा की तरफ जा रहे हैं क्योंकि अगर अचानक से बस चलने की जानकारी मिली और वह नोएडा में हुए तो वह छूट जाएंगे. लिहाजा यहां से जाकर ग्रेटर नोएडा में ही इंतजार करेंगे सरकार की तरफ से आने वाली जानकारी का और जब आएगी तो अपने गृह जिले चले जाएंगे.


हाल ही में केंद्र सरकार ने फंसे हुए लोगों को उनके राज्य, जिलों और कस्बों तक पहुंचाने को लेकर जारी किया था आदेश


कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों से कहा था कि वह आपसी सहयोग से अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों को उनके जिलों कस्बों और गांवों तक पहुंचाएं. जिसके बाद एक राज्य से दूसरे राज्य तक विशेष ट्रेनें और बसें चलाई जा रही हैं. इसी के चलते अब लोग इस उम्मीद के सहारे उन जगहों तक पहुंचने की कोशिश में जुट गए हैं जहां से सरकारी वाहनों के चलने की जानकारी सामने आ रही है. मकसद एक ही है कि कैसे भी हो जल्द से जल्द अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएं.


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