यूपी: गोरखपुर में टिड्डी दल ने उड़ाई किसानों की नींद, खेतों में पीट रहे थालियां, ढोल और नगाड़े
किसानों की मानें तो एक किलोमीटर लंबे इन टिड्डियों को खेतों के ऊपर मंडराता देखकर ही किसानों के हाथ-पांव फूलने लग रहे हैं. वे हवा का रुख देख रहे हैं और टिड्डी दल को भगाकर खेतों की रक्षा करने में जुटे हैं
गोरखपुरः देश के कई राज्यों के साथ पश्चिमी यूपी के किसानों के लिए सिरदर्द बना टिड्डियों का दल अंबेडकरनगर और संतकबीरनगर होते हुए सीएम सिटी यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर पहुंच गया है. यहां पर किसानों के हाथ-पांव फूल गए हैं. वे दिन-रात जहां खेतों में पहरा दे रहे हैं. तो वहीं टिड्डियों के दल को भगाने के लिए थालियां पीटने के साथ आवाजें भी लगा रहे हैं. इन टिड्डियों के हमले ने गोरखपुर के उत्तर-पश्चिमी गांवों के किसानों की नींद उड़ा दी है. किसान कभी आसमान की ओर टिड्डियों और कभी हवा के रुख को देख रहे हैं.
गोरखपुर के उत्तर-पश्चिम ग्रामीण इलाकों में टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है. सैकड़ों गांव के लोगों के बीच टिड्डियों के झुंड के आने से भय का माहौल है. गोरखपुर के उत्तरी छोर पर कैंम्पियरगंज इलाके में गांवों में टिड्डियों के दल के आने से किसान हैरान परेशान हैं. खेतो में धान के पौध की रोपाई का कार्य जारी है. जिन किसानों ने धान के पौध की रोपाई की है, उन खेतों में किसान दिन-रात पहरा दे रहे हैं. इसके साथ ही आम के बाग और सब्जी की खेती करने वाले किसान टिड्डियों के आक्रमण को विफल करने के लिए समूह बनाकर खेत में थाली, ढोल और ड्रम बजाकर उनके भगाने में जुटे हुए हैं.
1 किमी लंबा टिड्डियाों का दल किसानों की मानें तो एक किलोमीटर लंबे इन टिड्डियों को खेतों के ऊपर मंडराता देखकर ही किसानों के हाथ-पांव फूलने लग रहे हैं. वे हवा का रुख देख रहे हैं और टिड्डी दल को भगाकर खेतों की रक्षा करने में जुटे हैं. शनिवार को भोर से ही चन्दीपुर, मुहम्मदपुर, हगना, ख़लंगा टोला, करीमनगर, हरनामपुर, रमवापुर, भौरावारी, मछलीगाव, बलुआ, सोनौरा समेत कैम्पियरगंज के दर्जनों गांवों में टिड्डियों का दल आसमान से गांव के बाहर पेड़-पौधे और सब्जी के खेतों के ऊपर मंडरा रहे हैं. इनमें से अधिकतर खेतों को नष्ट करने के लिए उतर भी रहे हैं. यही वजह है कि किसान दहशत में हैं.
टिड्डियों के समूह को भगाने के लिए गांव के युवा, बच्चे और महिलाएं समूह बनाकर शोर मचाकर भगाने के लिए खेतों में डटे रह रहे हैं. हरनामपुर गांव के किसान संदीप चौबे बताते हैं कि सुबह से गांव के बाहर पेड़-पौधे पर डेरा जमाए टिड्डियों के दलों को भगाने में वे लोग जुटे हुए हैं. किसान बीरबल साहनी ने बताया कि टिड्डियों के दलों से गांव में किसानों में दहशत है. वहीं सुरेश बताते हैं कि फसलों को बचाने के लिए वे अलग-अलग तरह के ऊपाय कर रहे हैं.
करीमनगर गांव के किसान कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि सुबह 8 बजे गांव के बाहर लगाए बैगन पर टिड्डियों ने आक्रमण का प्रयास किया. गांव के बच्चों और महिलाओं ने थाली बजाकर उन्हें भगाया. शुक्रवार की शाम अंबेडकर नगर जिले से संतकबीरनगर होते हुए टिड्डियों का दल गोरखपुर के जंगल कौडि़या होते हुए पीपीगंज के बाद कैम्पियरगंज पहुंचा. शुक्रवार की शाम को ही किसानों ने इन्हें थाली और अन्य संसाधनों से आवाज कर महराजगंज के फरेंदा कस्बे तक भगा दिया. शनिवार की भोर में टिड्डियां फिर वापस खेतों की ओर बढ़ने लगी, तो किसान आसमान की ओर देखने लगे.
40 से 50 फीट ऊपर था टिड्डियों का दल जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी ने बताया कि जंगल कौड़िया, कैंपियरगंज, चौकमाफी, बढ़याखोर, पीपीगंज होते हुए यह दल फरेंदा महराजगंज की ओर चला गया. दावा है कि टिड्डियों का दल तकरीबन 40 से 50 फीट की ऊंचाई पर रहा होगा. यह झुंड़ तकरबीन 500 मीटर के दायरे में रहा है. हालांकि किसानों का दावा था कि झुंड कम से कम एक किलोमीटर के दायरे (लम्बाई) में रहा होगा. जिला कृषि रक्षा अधिकारी संजय यादव ने बताया कि सूचना मिलते ही आपदा विभाग की तरफ से सभी आपदा मित्रों, बीडीओ और प्रगतिशील किसानों से संपर्क कर उन्हें टिड्डियों के हमले से बचाव के लिए तैयार किया गया. पहले भी किसानों को ऐसे हमले से निपटने के लिए प्रेरित किया गया था. फायर बिग्रेड की टीम भी दवा का छिड़काव करने के लिए तैयार रही है.
अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार की शाम 4 बजे बैठक कर रहे थे. उसी दौरान पश्चिम-उत्तर दिशा से टिड्डियों के दल ने जनपद में प्रवेश कर लिया. टिड्डी के संभावित आगमन के दृष्टिगत कृषि विभाग, एनडीआरफ, उद्यान, अग्निषमन, पुलिस और उपजिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. किसानों को टिड्डी से बचाव के लिए व्यापक रूप से जागरूक किए जाने के निर्देश दिए गए. रात के समय टिड्डियों के उपर रसायनिक दवाओं के छिड़काव के लिए अग्निशमन विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए. कृषि विभाग के अधिकारियो के साथ बैठक में उप निदेषक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी उपस्थित रहे.
दिन-रात जागकर खेतों में पहरा दे रहे किसान किसानों को प्रेरित किया गया है कि वे ट्रैक्टर के साइलेंसर निकालकर स्टार्ट करें. थाली, ढोल, नगाड़ा, पटाखा आदि बजाने के भी निर्देश दिए गए. कुछ स्थानों पर किसानों ने डीजे साउंड भी तेज आवाज में बजाया. चौकमाफी, बढ़याखोर, जगतबेला, डोहरिया बाजार, करंजहवा कुशहरा, भंडारो समेत दर्जनों गांव के किसान खेतों में डटे रहे. वैश्विक महामारी कोरोना के बीच आसमान से आफत के रूप में बरस रहे टिड्डियों के दल ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ऐसे में किसानों को दिन-रात जागकर खेतों में पहरा देना पड़ रहा है.
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