Lok Adalat in Supreme Court: वो कौन सा तलाक का केस जिसे आज तक नहीं भूले CJI चंद्रचूड़, लोक अदालत में कर दिया खुलासा
Supreme Court Lok Adalat: सुप्रीम कोर्ट में यह लोक अदालत 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगी. यहां अदालत के काम के बाद दोपहर 2 बजे से सुनवाई की जाएगी. इस बार कुल 7 लोक अदालत बेंच का गठन किया गया है.
Supreme Court Lok Adalat Latest News: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (29 जुलाई 2024) को लोक अदालत की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के साथ बेंच साझा की, जो न्यायालय में एक दुर्लभ अवसर था. लोक अदालत की बेंच में सीजेआई और कपिल सिब्बल के अलावा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन नायर भी शामिल थे.
इस मौके पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ साल पहले लोक अदालत में आए एक मामले का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे एक मामला याद है जिसमें पति ने पटियाला हाउस कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की थी और उसकी पत्नी ने भरण-पोषण के अलावा बच्चों की कस्टडी के लिए अर्जी दी थी. वे दोनों पहले प्री-लोक अदालत में एक साथ आए और दोनों ने फैसला किया कि वे साथ रहेंगे, जब वे दोनों लोक अदालत के सामने आए, तो मैंने उनसे आगे के कदम के लोकर पूछा. इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने खुशी-खुशी साथ रहने का फैसला किया है. पत्नी ने कहा कि मुझे भरण-पोषण नहीं चाहिए, क्योंकि हम बहुत खुशी से साथ रह रहे हैं.”
'लोक अदालत का मकसद छोटे-छोटे मामलों का निपटारा करना'
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य छोटे-छोटे मामलों का निपटारा करना है. लोगों को यह एहसास नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट में कितने छोटे-छोटे मामले आते हैं. हम सेवा, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण और मोटर दुर्घटना दावा जैसे मामलों को लोक अदालत में सुनवाई के लिए चुनते हैं. CJI चंद्रचूड़ ने सोमवार की लोक अदालत को लेकर कहा, "न्यायाधीशों के साथ लोक अदालत पैनल के हिस्से के रूप में बार सदस्यों की उपस्थिति ने पूरे समाज को सही संदेश दिया है कि हम न्याय करने के अपने प्रयासों में एकजुट हैं, खासकर इन छोटे-छोटे मामलों में के लिए." मुख्य न्यायाधीश ने उम्मीद जताई कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट में लोक अदालत संस्थागत हो जाएगी.
सिब्बल ने लोक अदालत को बताया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम
वहीं एनडीटीवी से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, "पहली बार मैं बार की तरफ नहीं बल्कि बेंच की तरफ था. यह सौभाग्य की बात है कि मुझे इस तरह जजों के साथ बेंच साझा करने का मौका मिला. जब सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी तो महाराष्ट्र मामले में बहस शुरू करने वाले वे पहले व्यक्ति थे.” कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि लोक अदालत स्थापित करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा कदम है.
2 अगस्त तक चलोगी सुप्रीम कोर्ट में लोक अदालत
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में यह लोक अदालत 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगी. यहां अदालत के काम के बाद दोपहर 2 बजे से सुनवाई की जाएगी. इस बार कुल 7 लोक अदालत बेंच का गठन किया गया है.
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