देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना NALSA के संरक्षक प्रमुख हैं और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई इसके कार्यकारी अध्यक्ष हैं. 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तालुका (तहसील), जिला और हाई कोर्ट के स्तर तक लोक अदालत आयोजित हुई. राजस्थान में बार एसोसिएशन चुनावों के चलते इसका आयोजन 21 और 22 दिसंबर को होगा.
NALSA ने जारी किया प्रेस रिलीज
NALSA की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि शनिवार शाम 7 बजे तक कुल 1,45,47,595 (एक करोड़ पैंतालीस लाख सैंतालीस हजार पांच सौ पंचानवे) मामले सफलतापूर्वक निपटाए गए. इनमें 1,21,78,509 (एक करोड़ इक्कीस लाख अठहत्तर हजार पांच सौ नौ) विवाद पूर्व (pre litigation) मामले और 23,69,086 (तेईस लाख उनसठ हजार छियासी) लंबित मामले शामिल हैं.
जो मामले निपटाए गए उनमें शमनीय अपराध यानी कम्पाउंडेबल ऑफेंस के मामले, प्ली बारगेनिंग (अपराध स्वीकार कर कम सजा पाना), राजस्व मामले, बैंक वसूली मामले, मोटर दुर्घटना दावे, चेक बाउंस मामले श्रम विवाद, वैवाहिक विवाद (तलाक केस छोड़कर), भूमि अधिग्रहण मामले, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) विवाद, उपभोक्ता मामले, ट्रैफिक चालान और अन्य दीवानी मामले शामिल हैं.
लोक अदालतों का उद्देश्य
इन मामलों में कुल निपटान राशि लगभग 7,462.54 करोड़ (सात हजार चार सौ बासठ करोड़ चौवन लाख) रुपए रही. NALSA ने कहा है कि निपटाए गए मामलों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि कुछ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों से रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
लीगल सर्विस ऑथोरिटी एक्ट, 1987 के प्रावधानों के तहत लगाए जाने वाली लोक अदालतों का उद्देश्य आ नागरिकों, खास तौर पर वंचित और निर्धन वर्ग तक न्याय को पहुंचाना है. इस प्रक्रिया में आम जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा. NALSA ने उम्मीद जताई है कि मुकदमों की जटिल और लंबी प्रक्रिया की बजाय सरल समाधान देने वाली लोक अदालतों में लोगों की भागीदारी भविष्य में और बढ़ेगी. इससे न्यायिक ढांचे पर भी बोझ घटेगा.
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