Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 में अब साल भर से भी कम का वक्त रह गया है. ऐसे में बीजेपी सियासी महासमर के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं की फौज मैदान में उतारकर मोदी सरकार की उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गई है. ऐसे में आज हम आपके पास मोदी सरकार के 9 सालों का हिसाब-किताब लेकर आए हैं. 


2014 में सरकार बनाने के पहले और बाद में मोदी सरकार ने जनता से कई वादे किए. एक नजर डालते हैं कि इन 9 वर्षों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने कितने वादे पूरे किए और आज भी किन वादों को पूरा किए जाने का इंतजार है. 


मोदी सरकार के वो वादे जो पूरे हुए


अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण


जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने एजेंडों में से एक था. 2019 में जब NDA को प्रचंड बहुमत के साथ दूसरा कार्यकाल मिला तो इसे निरस्त करने में मोदी सरकार ने देरी नहीं की. 5 अगस्त, 2019 को संसद में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों सदनों से मंजूर कर लिया गया. इसके तहत जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही राज्य का दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंटवारा कर दिया गया.


राम मंदिर निर्माण


राम मंदिर निर्माण बीजेपी के सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जमीन के मालिकाना हक को लेकर राम लला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया. इसके बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर काम शुरू कर दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. फिलहाल, मंदिर निर्माण का कार्य जोरों से चल रहा है और 2024 में इसके श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की संभावना है.


प्रधानमंत्री जन धन योजना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही कार्यकाल में हर व्यक्ति तक बैंक की पहुंच के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जन धन योजना की घोषणा की थी. इसके तहत गरीबों के जीरो बैलेंस पर खाते खोले जा सकते हैं. द हिंदू बिजनेस लाइन की खबर के मुताबिक 30 दिसम्बर 2022 तक देश में 47.48 करोड़ जन धन खाते हैं, जिनमें 26.54 करोड़ महिलाएं हैं. इन सभी खातों में 1.80 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा थी.


स्वच्छ भारत अभियान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती (2 अक्टूबर 2014) के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था. राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, 93.1% घरों में शौचालय हैं. इसके साथ ही जिन लोगों के पास शौचालय तक पहुंच हैं, उनमें से 96.5% लोग इसका उपयोग करते हैं.


एलपीजी सब्सिडी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से एलपीजी सिलिंडर पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि सब्सिडी छोड़ने से गरीबों को मुफ्त सिलेंडर देने में मदद मिलेगी. मोदी सरकार ने इस साल 2023 में उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख और सिलेंडर दिए जाने को मंजूरी दी है. उज्ज्वला के लाभार्थियों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार पहुंच गया है.


गांवों में बिजली


प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का वादा किया था. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, देश के 99.1 प्रतिशत गांवों में बिजली पहुंच चुकी है.


कृषि बजट


इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले 9 सालों में देश का कृषि बजट पांच गुना बढ़ा है. अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, बजट 2023 पेश होने के बाद एक वेबिनार में पीएम मोदी ने बताया था कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने तक यह 25000 करोड़ रुपये से कम था, जो अब 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.


वन रैंक, वन पेंशन


मोदी सरकार ने रिटायर्ड सैनिकों की बहुत पुरानी मांग को मानते हुए अप्रैल 2016 में वन रैंक वन पेंशन प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इससे सरकार को वार्षिक पेंशन में 7,488 रुपये और बकाया में 10,925 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की बात कही गई थी.


वो वादे जो मोदी सरकार अबतक पूरे नहीं कर पाई


रोजगार


लोकसभा में सरकार के जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने से लेकर जुलाई 2022 तक अलग-अलग सरकारी विभागों में कुल 7 लाख 22 हजार 311 आवेदकों को सरकारी नौकरी दी गई है.  साल 2018-19 में महज 38,100 लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली थी. इस साल 5.9 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था.


बुलेट ट्रेन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुलेट ट्रेन नेटवर्क प्रोजेक्ट लॉन्च करने का वादा किया था. फिलहाल ये अभी शुरू नहीं हो सकी है. हालांकि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर इसको लेकर काम चल रहा है.


महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण


बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वो सत्ता में आने पर संविधान संशोधन के जरिए संसद और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लेकर आएगी. फिलहाल, अभी तक ये वादा अधूरा है.


समान नागरिक संहिता


बीजेपी के एजेंडे में देश में सभी के लिए समान कानून लागू करना है. अभी तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है. हालांकि, बीते दिनों इसे लेकर पीएम मोदी के बयान के बाद देश में समान नागरिक संहिता को लेकर हलचल बढ़ी है.


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