एक्सप्लोरर

सियासी दलों के लिए अहम हैं देश के 17 फीसदी दलित वोटर, लोकसभा की 131 सीटें आरक्षित

‘भारत बंद’ का असर उन राज्यों में सबसे ज्यादा देखा गया जहां अगले कुछ महीनों के भीतर चुनाव होने हैं. इनमें मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं.

नई दिल्ली: देश में दलित और आदिवासी सामाजिक-आर्थिक रूप से भले ही कमजोर माने जाते हों, लेकिन उनकी सियासी हैसियत इतनी बड़ी है कि देश का कोई भी राजनीतिक दल उनको नजरअंदाज नहीं कर सकता. राजनीतिक दलों की नजर उन 17 प्रतिशत दलित मतदाताओं पर है जो उनकी सियासी नैय्या पार लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इनकी लगभग हर सीट पर अच्छीखासी मौजूदगी है.

लोकसभा में SC और ST के लिए 131 सीटें आरक्षित हैं

अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद खड़े हुए राजनीतिक बवाल ने इसका स्पष्ट संदेश दिया है. ‘भारत बंद’ का असर उन राज्यों में सबसे ज्यादा देखा गया जहां अगले कुछ महीनों के भीतर चुनाव होने हैं. इनमें मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं. बीते दो अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुई हिंसा में 10 लोग मारे गए थे और इनमें भी सात लोगों की मौत मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई जहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है. लोकसभा में अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए 131 सीटें आरक्षित हैं.

2019 से पहले पिछड़े वर्ग को साथ लाने में बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती

बीजेपी साल 2019 के लोकसभा और उससे पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के साथ खड़ा दिखने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. लोकसभा की 545 सीटों में से 84 सीटें अनुसूचित जाति और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इन 131 आरक्षित सीटों में से 67 सीटें बीजेपी के पास हैं. कांग्रेस के पास 13 सीटे हैं. इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के पास 12, अन्नाद्रमुक और बीजेडी के पास सात-सात सीटें हैं.

बीजेपी जहां इस वर्ग पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का प्रयास सामाजिक और आर्थिक रूप से इस कमजोर वर्ग को अपने साथ लाने का है. केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की मोदी सरकार की अडिग प्रतिबद्धता है. इसके सारे प्रयासों का उद्देश्य दलितों के जीवन में बदलाव लाना है.

एनडीए की सरकार में दलितों पर हमले बढ़े: कांग्रेस

देश के कुछ हिस्सों में दलितों पर हुए हमले की वजह से भी विपक्ष खासकर कांग्रेस को सरकार और बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिल गया है. कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया कि बीजेपी नीत एनडीए सरकार के शासनकाल में देश में दलितों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों पर हमले बढ़े हैं. सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण कानून से जुड़े विषय पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में ठीक से विषय को नहीं रख सकी जिसका परिणाम हमारे सामने है.

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने यह दलील भी पेश की है कि उसके पास सर्वाधिक एससी-एसटी सांसद हैं. बीजेपी की कोशिश है दलितों और आदिवासियों के बीच अपने आधार को बचाए रखने के साथ ही इसे और बढ़ाया जाए. वहीं कभी इस वर्ग पर राजनीतिक रूप से मजबूत पकड़ रखने वाली कांग्रेस अपना आधार फिर वापस पाने की कोशिश में है.

एससी-एसटी कानून पर कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा, दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस और बीजेपी के डीएनए में है. जो इस सोच को चुनौती देता है कि उसे वे हिंसा से दबाते हैं. उत्तर प्रदेश में पहले से कमजोर हो चुकी बीएसपी प्रमुख मायावती भी कोर्ट के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रही हैं.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
विनोद खन्ना ने बनाया था हिरोइन, सलमान खान संग दी  हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
सलमान खान संग दी हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

UP News: होटलों पर नेमप्लेट के बाद यूपी में बैंड बाजा कंपनियों के नाम बदलने पर शुरू हुआ विवाद !क्यों लेगी Central Government दूसरी छमाही में  ₹6.61 लाख करोड़ का उधार?Tax Rule Changes:Income Tax, STT, TDS Rates, आधार कार्ड को लेकर 1 अक्टूबर 2024 से बदल जाएंगे ये नियमबिना Bank Account के भी निकालें पैसे! NCMC कार्ड की पूरी जानकारी |

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
विनोद खन्ना ने बनाया था हिरोइन, सलमान खान संग दी  हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
सलमान खान संग दी हिट फिल्म, लेकिन करियर रहा फ्लॉप, अब 12 सालों से जी रही गुमनाम जिंदगी
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
IPL 2025: रिटेंशन अनाउंसमेंट पर बड़ा अपडेट, बेंगलुरु में मीटिंग के बाद आज हो सकती है घोषणा
IPL रिटेंशन अनाउंसमेंट पर अपडेट, बेंगलुरु में मीटिंग के बाद होगी घोषणा
नाम अपडेट होने के कितने दिन बाद घर पर डिलीवर होता है पैन कार्ड?
नाम अपडेट होने के कितने दिन बाद घर पर डिलीवर होता है पैन कार्ड?
Bhagat Singh Jayanti 2024: खून से सनी मिट्टी को घर पर क्यों रखते थे भगत सिंह? जो बन गई अंग्रेजों का काल
खून से सनी मिट्टी को घर पर क्यों रखते थे भगत सिंह? जो बन गई अंग्रेजों का काल
नॉर्थ-ईस्ट में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विरोध! प्रदर्शन करने वाले बोले- बीफ हमारे खाने का हिस्सा
नॉर्थ-ईस्ट में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विरोध! प्रदर्शन करने वाले बोले- बीफ हमारे खाने का हिस्सा
Embed widget