सांसद ई अहमद के निधन के मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सदस्यों द्वारा सीबीआई के राजनीतिक दुरूपयोग के आरोपों और कांग्रेस एवं वाम सदस्यों द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन से जुड़े हालात की जांच की मांग को लेकर किए गए भारी हंगामे और नारेबाजी के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज दो बार के स्थगन के बाद तीसरी बार दोपहर सवा एक बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. दो बार के स्थगन के बाद एक बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर मेरठ के किसी मामले का जिक्र किया और कहा कि यह एक गंभीर घटना है.
उधर दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने पार्टी के दो सदस्यों सुदीप बंदोपाध्याय और तापस पाल को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक मकसद से केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है.
इस बीच कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहते देखे गए लेकिन भाजपा सदस्यों के हंगामे में उनकी बात सुनी नहीं जा सकी.
हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही करीब दस मिनट बाद ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
इससे पूर्व सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए.
तृणमूल सदस्यों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर लिखा था कि अलोकतांत्रिक तरीके से हमारे सांसदों को गिरफ्तार किये जाने के विरोध में ये हमारी लोकतांत्रिक लड़ाई है.
वहीं कांग्रेस सदस्य संभवत: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सदस्य ई अहमद के निधन के हालात को लेकर कोई मुद्दा उठाना चाह रहे थे. हालांकि हंगामे में उनकी बात स्पष्ट तौर पर सुनी नहीं जा सकी.
तेलगू देशम पार्टी के कुछ सदस्यों को अपने स्थान से ही पोस्टर दिखाते देखा गया जिन पर आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की गई थी.
अध्यक्ष ने हंगामे में ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और प्रश्न लिये. लेकिन सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा. भाजपा के कुछ सदस्य भी उत्तरप्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते सुने गए.
शोर शराबा जारी रहता देख अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए.
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नोटबंदी से संबंधित विनिर्दिष्ट बैंक नोट :दायित्वों की समाप्ति: अध्यादेश 2016 की जगह लेने वाले विधेयक को पेश किया जिसमें 31 दिसंबर 2016 के बाद पुराने 1000 और 500 रपये के नोटों को रखने, उनका लेनदेन करने या प्राप्त करने को प्रतिबंधित किया गया है.
जेटली द्वारा विधेयक पेश किये जाने से पहले तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने विधेयक पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा, ‘‘यह विधेयक गैरकानूनी है.’’ हालांकि जेटली ने संसद की कार्यवाही संचालन के नियम के तहत तृणमूल सांसद के विधेयक का विरोध करने के आधार पर ही सवाल खड़ा किया और कहा कि किसी विधेयक का उसकी विधायी क्षमता या उसके असंवैधानिक होने के आधार पर ही विरोध किया जा सकता है. दोनों आधारों पर उनकी : राय की: यह दलील कहीं नहीं ठहरती है.
वित्त मंत्री ने कहा कि तृणमूल सदस्य केवल यह कहकर विरोध नहीं कर सकते कि ‘विधेयक सही नहीं है.’ श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मजदूरी संदाय संशोधन विधेयक 2016 को वापस लेकर इसके स्थान पर दूसरा विधेयक मजदूरी संदाय संशोधन विधेयक 2017 पेश किया.
इसके बाद पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया. इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य आईयूएमएल सांसद ई अहमद के निधन से जुडे हालात की जांच की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे.
अध्यक्ष ने हंगामा थमते नहीं देख कार्यवाही करीब 12 बजकर 35 मिनट पर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी. एक बजे भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया.
हालांकि बैठक को दिनभर के लिए स्थगित किए जाने के बाद कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया, के सी वेणुगोपाल, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और माकपा के पी करूणाकरन सत्ता पक्ष के सदस्यों से उनके रवैये पर विरोध दर्ज कराते नजर आए.