लोकसभा ने आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 को दी मंजूरी, विपक्षी दलों ने जताया विरोध
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को लोकसभा ने मंजूरी दे दी है. इसी के साथ ही विधेयक का विपक्षी दलों ने विरोध जताया है. वहीं शिरोमणि अकाली दल ने विधेयक और अध्यदेश को वापस लेने की मांग की है.
नई दिल्लीः लोकसभा ने मंगलवार को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी गई है. विधेयक का विपक्षी दलों के अलावा केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक शिरोमणि अकाली दल ने भी विरोध किया. अकाली दल ने विधेयक और अध्यादेश को वापस लेने की सरकार से मांग की है.
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का प्रावधान करता है. इससे निजी निवेशकों को उनके व्यापार के परिचालन में अत्यधिक नियामक हस्तक्षेपों की आशंका दूर हो जाएगी. उत्पाद, उत्पाद सीमा, आवाजाही, वितरण और आपूर्ति की स्वतंत्रता से बिक्री की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी और कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र/विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित होगा.
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पर अपना कड़ा रुख जताते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह इसे कोर्ट में चैलेंज करेंगे.We will challenge it in Court: Punjab CM Captain Amarinder Singh on Essential Commodities (Amendment) Bill, 2020 https://t.co/b8sLnYDGU2 pic.twitter.com/mIwKXyx1C9
— ANI (@ANI) September 15, 2020
निचले सदन में चर्चा का जवाब देते हुए उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सम्पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा, किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में कारोबार अनुकूल माहौल बनाने और ‘‘वोकल फार लोकल’’ को मजबूत बनाया जायेगा.
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनो को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है. इस अध्यादेश को 5 जून 2020 को जारी किया गया था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार करने के लिये मुख्यमंत्रियों की एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया था.
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किये गए है जिससे बाजार में स्पर्धा बढ़ेगी, खरीद बढ़ेगी और किसनों को उचित मूल्य मिल सकेगा. चर्चा में हिस्सा लेते हए शिवसेना के राहुल शेवाले ने कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण के संदर्भ में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के जरूरी वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण के लिए कड़े प्रावधान करना चाहिए.
JDU के कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि कालाबाजारी और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए पूरा प्रयास होना चाहिए और इस विधेयक से कीमतों को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी. बीजू जनता दल के भतृहरि महताब ने कहा कि कीमतों के नियंत्रण को लेकर सशक्त व्यवस्था होनी करना चाहिए. बसपा के कुंवर दानिश अली ने आरोप लगाया कि यह विधेयक किसान विरोधी है और बिचौलियो को फायदा पहुंचाने वाला है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के श्रीनिवास पाटिल और कुछ अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया. केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के घटक शिरोमणि अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल ने कहा कि इस कानून को लेकर पंजाब के किसानों, आढ़तियों और व्यापारियों के बीच बहुत शंकाएं हैं . सरकार को इस विधेयक और अध्यादेश को वापस लेना चाहिए .
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में पहले भी संशोधन हुए हैं लेकिन मौजूदा संशोधन पूरे कानून को ही कमजोर करने वाला है. इसी पार्टी के कल्याण बनर्जी ने कहा कि ऐसे संशोधन से किसानों को फायदा हो, तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं लेकिन यह विचौलियों को फयदा देने वाला है. बीजद के भतृहरि महताब ने सरकार ने अनुरोध किया कि किसानों और उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहने चाहिए.
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