किसानों के मुद्दे पर 4 बार लोकसभा स्थगित, भारी बवाल के बाद बोले स्पीकर- जनता ने नारे लगाने नहीं भेजा
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदस्य चाहते हैं कि किसानों से संबंधित मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और कृषि कानूनों के मुद्दे पर अलग-अलग चर्चा करायी जाए.
विवादों में घिरे तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराते हुए बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा किया. विपक्ष के शोर-शराबे के कारण निचने सदन की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिये स्थगित कर दी गई. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि उनकी विपक्षी दलों के नेताओं से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू कराने पर सहमति बनी थी लेकिन वे इस पर अमल नहीं कर रहे हैं.
लोकसभा स्पीकर ने कहा- जनता तालियां बजाने नहीं भेजा
सदन में लगातार विपक्षी दलों की तरफ से कृषि कानूनों को लेकर भारी हंगामे को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी दलों के सांंसदो से कहा- जनता ने आपको तालियां बजाने और नारे लगाने के लिए सदन में नहीं भेजा. आपको चर्चा करने, बहस करने के लिए भेजा गया है. आप जनता के मुद्दे उठाइए.
विपक्षी सदस्य तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग और दिल्ली के कई सीमा क्षेत्रों में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा रहे थे. कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले सदन में किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा कराने की मांग की. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति जी का सम्मान करते हैं. हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो, लेकिन किसानों के मुद्दों पर पहले अलग से चर्चा हो.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें किसानों के बारे में सोचना पड़ेगा. हम सदन के भीतर और बाहर किसानों की आवाज उठाते रहेंगे.’’ विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को भी लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही नहीं चल सकी. इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के समीप आकर विरोध जता रहे विपक्षी सदस्यों से नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘‘संसदीय मर्यादाओं के उल्लंघन’’ पर उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी.
दिनभर चलता रहा शोर-शराबा
वहीं, रात नौ बजे कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभा की अनुमति हो तो समय बढ़ा दिया जाए. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीट पर लौटने को कहा. बिरला ने कहा कि शून्यकाल एक महत्वपूर्ण समय है. आपको चुनकर भेजा गया है कि आप चर्चा करें और जनता की बात रखें, संवाद करें. आप संसद की मर्यादा को खत्म कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘आपको नारेबाजी करने और तालियां बजाने के लिए नहीं भेजा गया है.’’ संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को बाधित नहीं किया जाता है. राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर उन्हें धन्यवाद देना हमारा संवैधानिक दायित्व है. उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी जी और उनकी विपक्षी दलों के नेताओं से इस संबंध में बात हुई थी उन्हें उसके अनुसार ही आचरण करना चााहिए.
हालांकि, विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. व्यवस्था बनते नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिये स्थगित कर दी. बुधवार को सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से प्रश्नकाल निलंबित कर सबसे पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा शुरू कराने का अनुरोध किया. बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी और प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया.
सांसदों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक के कुछ सदस्य और आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये. वे विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग दोहरा रहे थे. अध्यक्ष बिरला ने विपक्ष के कुछ सदस्यों के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ सदस्य संसदीय मर्यादाओं का बहुत उल्लंघन करते हैं और बार-बार ऐसा होने पर उन्हें अनुशासन की कार्रवाई करनी पड़ेगी.
हालांकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और आप समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही जिसके कारण अध्यक्ष बिरला ने कार्यवाही शाम 4.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. बैठक 4.30 बजे पुन: शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों रही. हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और भाजपा के जगदम्बिका पाल ने प्रश्न पूछना शुरू किया.
इस बीच, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदस्य चाहते हैं कि किसानों से संबंधित मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और कृषि कानूनों के मुद्दे पर अलग-अलग चर्चा करायी जाए. इसी दौरान आम आदमी पार्टी के भगवंत मान आसन के समीप आकर विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में नारे लगाने लगे. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर काफी चर्चा हो गई है और अब कानून वापस लिया जाए. इस दौरान अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल भी अपनी सीट से आगे निकलकर हाथों में तख्ती लेकर नारे लगा रही थीं.
इस बीच, अध्यक्ष बिरला ने सभी सदस्यों को उनके स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बात रखने का पर्याप्त मौका दूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भगवंत मान जी आप चर्चा करना चाहते हैं तब अपने स्थान पर जाएं और संसदीय मार्यादाओं का पालन करें अन्यथा कार्रवाई करनी पड़ेगी.’’ हालांकि, विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिये स्थगित कर दी.
सदन की बैठक पांच बजे फिर शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘जिस लिए आपको चुनकर भेजा गया है, आप जनता के उन मुद्दों को शून्यकाल के माध्यम से सरकार तक पहुंचा सकते हैं. मैं आपको शून्यकाल में पर्याप्त समय और अवसर दूंगा. अपनी-अपनी सीट पर जाइए.’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘मैंने (विपक्ष के) नेताओं से चर्चा की थी. सहमति बनी थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करनी है.’’
स्पीकर ने कहा- यह राष्ट्रपति का भी है अपमान
उन्होंने विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर निराशा जताते हुए कहा, ‘‘आप क्यों पलट गए, मुझे नहीं पता. यह राष्ट्रपति का भी अपमान है. चर्चा आरंभ करनी चाहिए.’’ हालांकि शोर-शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष बिरला ने बैठक को शाम सात बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. शाम सात बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में पहले जैसा ही नजारा था. विपक्षी दलों के सदस्य विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे.
पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने नारेबाजी कर सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया।.उन्होंने कहा कि सदन चर्चा के लिए है और सभी सदस्यों को नियमों के अनुसार बोलने का मौका दिया जाएगा. हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही रात्रि नौ बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
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