नई दिल्ली: लोकसभा का डिप्टी स्पीकर कौन होगा? इस पर सस्पेंस बना हुआ है. लेकिन अंदर की ख़बर ये है कि इस मुद्दे पर बात लगभग बन गई है. पीएम नरेंद्र मोदी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की दोस्ती का ये असर है. बीजेपी चाहती है कि ग़ैर एनडीए पार्टी का कोई सांसद डिप्टी स्पीकर बने. पार्टी ने इसके लिए नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी से बात भी की थी. लेकिन बात बहुत आगे नहीं बढ़ पाई. संकेत मिल रहे हैं कि बीजेडी इसके लिए तैयार हो गई है.


जगन मोहन रेड्डी ने बीजेपी के प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया. वे नहीं चाहते हैं कि उनके राज्य में इस तरह का मैसेज जाये कि बीजेपी के साथ उनकी डील हो गई है. आंध्र प्रदेश में मुसलमान और ईसाई समुदाय के लोगों की अच्छी आबादी है. यहां लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ साथ हुए. जिसमें जगन मोहन की पार्टी ने कमाल कर दिया.


वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 22 सांसद चुने गए. पार्टी ने दो तिहाई बहुमत से राज्य में सरकार भी बना ली. जगन के प्रस्ताव ठुकराने के बाद से ही बीजेपी आंध्र प्रदेश में आक्रामक तेवर में है. तेलुगू देशम के सांसदों को धड़ाधड़ पार्टी में शामिल कराया जा रहा है. बीजेपी की कोशिश आँध्र प्रदेश में मज़बूत विपक्ष बनने की है.


अब बात बीजेपी और बीजेडी के बीच पक रही खिचड़ी की. चुनाव के बाद से ही माहौल मीठा मीठा सा है. दोनों तरफ़ से बातें अच्छी अच्छी होने लगी हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम नवीन पटनायक एक दूसरे की तारीफ़ करते नहीं थकते हैं. पटनायक नीति आयोग की बैठक में आए.


कौन हैं अश्विनी वैष्णव जिनके लिए पीएम मोदी और अमित शाह को फोन करना पड़ा?


पीएम मोदी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर बैठक बुलाई तो उसमें भी वे शामिल हुए. फिर राज्य सभा चुनाव की बारी आई तो पटनायक ने एक सीट बीजेपी को तोहफ़े में दे दी. जबकि बीजेपी के पास ओडिशा में एक राज्य सभा सांसद जिताने लायक विधायक भी नहीं हैं. ओडिशा में भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ साथ होते हैं. नवीन पटनायक लगातार पांचवी बार राज्य के सीएम बने. लोकसभा की 21 में से बीजेडी को 12, बीजेपी को 8 और कांग्रेस को एक सीट मिली.


जगन मोहन रेड्डी के अलावा बीजेपी ने नवीन पटनायक को भी डिप्टी स्पीकर का प्रस्ताव दिया था. खबर ये है कि पटनायक मान गए हैं. बीजेडी ने पिनाकी मिश्र को लोकसभा का नेता बनाया है. बीजेपी के संबित पात्रा को हरा कर वे सांसद बने हैं. पहली बार पार्टी ने उन्हें ये ज़िम्मेदारी दी है.


इससे पहले भर्तहरि महताब लोकसभा में पार्टी के नेता होते थे. वे कटक से सांसद चुने गए हैं. 1998 से वे लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. उत्कृष्ट सांसद का अवार्ड भी महताब को मिल चुका है. वे कभी किसी विवाद में नहीं रहे. नवीन पटनायक से हमेशा उनके अच्छे रिश्ते रहे हैं. उनकी छवि एक समझदार, सुलझे हुए और गंभीर सांसद की रही है. बीजेडी के एक बड़े नेता की मानें तो डिप्टी स्पीकर के रूप में महताब का नाम सबको पसंद है. लेकिन हो सकता है कि संसद के बजट सत्र में इस बात पर फ़ैसला न हो पाए.