Lok Sabha Election: कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के साथ आने की आवाज बुलंद होती जा रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के दिए बयान का समर्थन किया है.


अखिलेश ने कहा है कि जो मजबूत हो उसे आगे कर चुनाव लड़ा जाए. बिहार में नीतीश कुमार और तेलंगाना में केसीआर सहित सभी दल यह ही चाहते हैं. यूपी में क्या उनका यह यह पैंतरा राजनीतिक रंग दिखाएगा? आईए जानते हैं इस पर राजनीतिक दलों को क्या कहना है?


अखिलेश यादव ने क्या कहा? 
हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के बाद कहा था कि समान सोच वाले दल साथ आएंगे. वहीं कर्नाटक चुनाव के परिणाम के बाद सीएम ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने विपक्षी एकता की बात रखते हुए कर्नाटक में बीजेपी को हराने के लिए वहां की जनता को बधाई दी थी. 


सपा अध्यक्षअखिलेश यादव  ने कहा था कि जनता ने नफरत फैलाने वालों को नकार दिया है. बीजेपी समाज को आपस में लड़ाने और नफरत फैलाने का काम करती है. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि जिस प्रदेश में जो दल मजबूत हो वहां उसे आगे कर चुनाव लड़ा जाए. 


दरअसल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार (15 मई) को कहा था कि वह शुरू से कह रही हैं कि संबंधित क्षेत्रों में ताकत रखने वाले दलों को वहां आगे करके बीजेपी से मुकाबला करना चाहिए. उन्होंने इन दलों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी, बिहार में राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू), उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का उल्लेख किया था.


सीएम बनर्जी ने ये भी कहा था कि जिस राज्‍य में क्षेत्रीय पार्टी मजबूत है वहां बीजेपी उसका मुकाबला नहीं कर सकती. ऐसे हालातों में जो क्षेत्रीय पार्टी जहां मजबूत है, उसे वहीं से बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए. वहीं, अन्य विपक्षी दलों को उस पार्टी की मदद करनी चाहिए.


समाजवादी पार्टी का क्या मानना है? 
समाजवादी पार्टी का मानना है कि सबसे बड़ी मुद्दा है कि बीजेपी को कैसे हटाया जाए? जिस जगह कांग्रेस बीजेपी को हरा सकती वो हटाए. वहीं जिन प्रदेशों में क्षेत्रीय दल हटा सकते हैं, वहां क्षेत्रीय दल उसे हटाए. ऐसे में हर जगह बीजेपी अगर रुक गई तो दिल्ली में भी वो ही स्थिति होगी जो कर्नाटक में बीजेपी की हुई है.


सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि अखिलेश यादव की कही हुई बात में विस्तार से जाएंगे तो पता चलेगा कि बीजेपी की मतदाता सूची में धांधली के बाद भी यूपी निकाय चुनाव में 40 सीटों पर बीजेपी हारी है. ऐसे में निष्पक्ष चुनाव हुआ होता तो 60 से 65 सीटों पर बीजेपी चुनाव हारती. ऐसा ही परिणाम आपको 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. साजन ने दावा किया कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों में बीजेपी सिर्फ 10 से 15 सीटों पर ही जीतेगी. 


क्या कहा कांग्रेस ने? 
लखनऊ में कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि चाहे ममता बनर्जी हो, अखिलेश यादव हो और मायावती हो. इन्हें जो तय करना है, वह कर लें, लेकिन कांग्रेस बीजेपी को हराने का काम करती रहेगी. हमने कर्नाटक में भी यह ही काम किया है. 


क्या बोली बीजेपी ?
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता बृजेश पाठक ने  व्यंग्य करते कहा कि इनका कॉन्फिडेंस लूज है. इस कारण यह सारे लोग साथ आ रहे हैं. विपक्षी एकता की बात का कोई मतलब नहीं है. यूपी में बीजेपी प्रिय पार्टी है. बीजेपी की नीति जन-जन तक पहुंची है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि अखिलेश यादव का कॉन्फिडेंस लूज है. 


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