AAP-Congress Alliance: लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सामने सीट शेयरिंग को लेकर सवाल कई राज्यों में बरकरार है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस तीन राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर सहमत है.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में सीटों के तालमेल पर सहमत हैं लेकिन गुजरात की भरूच सीट को लेकर पेच फंसा है क्योंकि दिवंगत अहमद पटेल के कारण पार्टी के लोगों की भरूच से भावना जुड़ी हुई है. सूत्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भरूच सीट AAP को दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं. वहीं भरूच सीट को AAP को दिए जाने के पक्ष में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल भी नहीं हैं. राजनीतिक गलियारों में फैसल और उनकी बहन मुमताज पटेल को कांग्रेस की तरफ से भरूच सीट पर टिकट का दावेदार माने जा रहा है.
फैसल पटेल ने क्या कहा?
फैसल पटेल ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘माननीय राहुल गांधी, आपने मेरी और भरूच कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात सुनी. हमारा समर्थन करके, मुझे और मेरे साथी भरूच कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया है. मैं आपसे वादा करता हूं कि भरूच लोकसभा जीतकर आपके विश्वास पर खरा उतरूंगा.’’
फैसल पटेल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है. 'इंडिया' गठबंधन बहुत जरूरी है. भरूच सीट को जीतने में कांग्रेस को ज्यादा आसानी होगी. AAP की ताकत एक ही विधानसभा सीट में है. मेरा मानना है कांग्रेस को ही भरूच सीट मिलनी चाहिए है. मैं इस गठबंधन का समर्थन नहीं करूंगा.''
मुमताज पटेल ने क्या कहा?
मुमताज पटेल ने कहा कि बातचीत चल रही है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, '' खबर आई तो पूरे काडर को नाराजगी हुई. लोग कहते हैं कि अहमद पटेल का परिवार, लेकिन मैं और फैसल पटेल ही नहीं पूरा कांग्रेस परिवार है. हम पूरी उम्मीद रखते हैं पार्टी हाई कमान से, मैंने सुना है कि राहुल गांधी ने भी आपत्ति जताई है.''
उन्होंने ट्वीट किया कि मैं अपने पिता अहमद पटेल की तरह एक सच्ची कांग्रेसी हूं, जो कांग्रेस पार्टी के प्रति अटूट निष्ठा और समर्पण की विरासत को प्रेरित करता है. ये प्रतिबद्धता मेरी आखिरी सांस तक कायम है.
दरअसल, अहमद पटेल गांधी परिवार के बेहद करीबी थे और उन्हें कांग्रेस का संकटमोचन माना जाता था. पटले का 25 नवंबर, 2020 को कोविड संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण निधन हो गया था. 21 अगस्त 1949 को जन्मे पटेल ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव के रूप में भी काम किया.
इनपुट भाषा और आईएनएस से भी.
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