Lok Sabha Election 2024: जातीय समीकरण बनाते हैं बदायूं को सपा का गढ़, यहां 50 फीसदी से ज्यादा वोटर यादव-मुस्लिम
Lok Sabha Elections 2024: बदायूं लोकसभा सीट में लगभग 14 लाख मतदाता हैं. यादव वोटर की संख्या 4 लाख और मुस्लिम वोटर की संख्या 3.5 लाख है. इसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है.
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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का शेड्यूल जारी हो चुका है. 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट में 7 मई को मतदान होना है. समाजवादी पार्टी ने इस सीट से शिवपाल यादव को टिकट दिया है. बीजेपी ने अब तक यहां उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. संघमित्रा मौर्य इस सीट से मौजूदा सांसद हैं और पूरी संभावना है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी दूसरी बार टिकट देगी. इस सीट के जातीय समीकरण इसे समाजवादी पार्टी का गढ़ बनाते हैं. ऐसे में शिवपाल को हरा पाना बीजेपी उम्मीदवार के लिए आसान नहीं होगा.
बदायूं में सबसे ज्यादा वोटर यादव समाज के हैं और दूसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर हैं. यहां के 50 फीसदी वोटर इन्हीं 2 समुदाय के हैं. अखिलेश ने पहले इस सीट पर धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में बदलाव किया गया और अब शिवपाल यादव इस सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं.
बदायूं के जातीय समीकरण
बदायूं में सबसे ज्यादा 4 लाख यादव वोटर हैं. मुस्लिम वोटरों की संख्या भी 3.5 लाख से ज्यादा है. यहां गैर यादव ओबीसी वोटर करीब 2.5 लाख हैं. वैश्य और ब्राह्मण वोटरों की संख्या भी करीब यहां 2.5 लाख है. इसके अलावा दलित वोटरों की संख्या पौने दो लाख के आसपास है. यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी के पारंपरिक वोटर माने जाते हैं. इस इलाके में शिवपाल यादव की अच्छी पकड़ है. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार के लिए यहां जीत हासिल करना आसान नहीं होगा.
6 बार समाजवादी पार्टी के खाते में गई सीट
बदायूं में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार 6 बार चुनाव जीत चुके हैं. यहां 1996 से 2019 तक अखिलेश की पार्टी का कब्जा रहा है. 2019 में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन इस बार फिर समाजवदी पार्टी को जीत मिल सकती है. 2019 में धर्मेंद्र यादव की हार का अंतर बेहद कम था. धर्मेंद्र को 46 फीसदी वोट मिले थे, जबकि संघमित्रा को 47.7 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार के खाते में 4.8 फीसदी वोट गए थे. इस बार समाजवादी पार्टी विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी. अगर कांग्रेस के वोट शिवपाल को मिलते हैं तो उनकी जीत लगभग तय हो जाएगी.
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