BJP Candidates Fifth List: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार (24 मार्च) रात आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी कर दी. बीजेपी की इस लिस्ट में अलग-अलग राज्यों के लिए 111 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. इस लिस्ट में कई लोकसभा सीटों पर पुराने उम्मीदवारों का टिकट काटा भी गया है.


भाजापा अब तक लोकसभा की 309 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. अभी कई और सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाकी है. सबसे ज्यादा लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश में पार्टी अभी 12 और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकती है. हालांकि अभी सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी की पांचवी लिस्ट की हो रही है. आइए 5 पॉइंट्स में समझते हैं बीजेपी की पांचवी लिस्ट की पांच बड़ी बातें.


1. पार्टी लाइन से अलग जाने वाले मंजूर नहीं


बीजेपी की पांचवीं लिस्ट में सबसे बड़ी बात थी पीलीभीत से मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट कटना. हालांकि इस बात की अटकलें पहले से लगाई जा रही थीं कि वरुण गांधी का टिकट इस बार कट सकता है. दरअसल, उन्होंने पिछले कुछ साल में जिस तरह सरकार और सरकार की नीतियों के खिलाफ जाकर बोला है, उससे लग रहा था कि पार्टी उनसे इस बार किनारा कर सकती है. पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर सख्त मैसेज दिया है कि पार्टी में अनुशासन से समझौता नहीं होगा. पार्टी के खिलाफ बोलने वाले और पार्टी लाइन से अलग चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं है.


2. सेलिब्रिटी के जरिये वोटों का ध्रुवीकरण


एनडीए गठबंधन के 400 पार के नारे को ध्यान में रखते हुए बीजेपी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करते वक्त वोटों के ध्रुवीकरण का भी पूरा ध्यान रख रही है. उसकी पांचवी लिस्ट में भी इसकी झलक दिखती है. बीजेपी ने मेरठ से अरुण गोविल को उतारकर वोटों के ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश की है. दरअसल, अरुण गोविल ने रमानंद सागर की सामायण में भगवान राम का किरदार निभाया था. इस चरित्र की वजह से आज भी उनकी पहचान घर-घर में है और ऐसे लोगों की संख्या अधिक है जो उन्हें भगवान राम की तरह ही मानता है. इस तरह बीजेपी ने उन्हें यहां से उतारकर न सिर्फ मेरठ सीट पर बल्कि आसपास की सीटों पर भी हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश की है. इसी तरह बात हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट की करें तो पार्टी ने यहां से मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत को उतारा है. कंगना एक तरफ जहां बॉलीवुड की वजह से काफी पॉपुलर हैं तो वहीं उनकी छवि कट्टर हिंदू की भी है. पार्टी ने उन्हें उतारकर इस सीट के साथ-साथ आसपास की सीट पर भी निशाना साधा है.


3. असंतोष रोकने के लिए बड़े नामों की कुर्बानी


बीजेपी की पांचवी लिस्ट में ये भी साफ हुआ है कि पार्टी अंदरूनी कलह और असंतोष को रोकने के लिए बड़े नामों की कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटती. इस लिस्ट में कुछ सीटों के मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर पार्टी ने इसे साफ किया है. सबसे पहले बात गाजियाबाद सीट की करें तो यहां से पार्टी ने दो बार से सांसद और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह की जगह विधायक अतुल गर्ग को टिकट दिया है. बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर इस तरह नया उम्मीदवार उतारना इसी का संकेत है. राजनीतिक एक्सपर्ट की मानें तो गाजियाबाद में स्थानीय विधायक लगातार वीके सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. इस तरह पार्टी में असंतोष बढ़ रहा था. इसे रोकने के लिए ही वीके सिंह की जगह नए चेहरे को उतारा गया.


4. सहानुभूति के जरिये विरोधियों को चुनौती


राजनीतिक एक्सपर्ट कहते हैं कि किसी ज्वलंत मुद्दे पर सहानुभूति लेकर विरोधियों को चित कैसे किया जाता है, इसे बीजेपी से सीखा जा सकता है. बीजेपी ने अपनी पांचवी लिस्ट में इसका भी ध्यान रखा है. पिछले दो महीने से देश की मीडिया में छाए पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मुद्दे को भाजपा ने भुनाने की कोशिश की है. पार्टी ने पश्चिम बंगाल की लोकसभा सीट बशीरहाट से ऐसी महिला को उम्मीदवार बनाया है जो संदेशखाली की पीड़िता है. संदेशखाली एरिया इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है. इस तरह एक पीड़ित को टिकट देकर पार्टी ने पूरे संदेशखाली के वोटरों को साधने की कोशिश की है.


5. दूसरे दलों से आने वालों का सम्मान


बीजेपी ने पांचवी लिस्ट में अपनी जीत पर फोकस करने के साथ-साथ विरोधियों को नुकसान पहुंचाने पर भी ध्यान दिया है. इस लिस्ट में कई नाम ऐसे हैं जो कांग्रेस या दूसरे दल को छोड़कर यहां आए हैं. यूपी के पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काटकर कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद को मौका दिया गया है. झारखंड की दुमका सीट पर हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को टिकट दिया है. सीता ने कुछ समय पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली थी. इसके अलावा पार्टी ने हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर नवीन जिंदल को उतारा है. नवीन जिंदल ने पांचवी लिस्ट आने से कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली थी.


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