BJP Uttar Pradesh Mission-80: अगले साल देश में आम चुनाव होंगे. केंद्र में सत्ता तक पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश को सबसे अहम माना जाता है. राजनीति के जानकार मानते हैं कि जिस भी पार्टी ने UP तो फतह कर लिया, वो मानो केंद्र तक पहुंच गया. ऐसे में बीजेपी ने एक बार फिर केंद्र में सत्ता रिपीट करने के लिए उत्तर प्रदेश को अपनी प्राथमिकता में रखा है. यूपी में बीजेपी हमेशा से ही 'मिशन-80' की बात करती है. 'मिशन-80' मतलब है क्लीन स्वीप. 


पिछले बार, यानी की साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने प्रदेश में 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं इस बार 'मिशन-80' को पूरा करने के लिए उन सीटों पर फोकस किया जा रहा है, जहां पर पार्टी की हालत थोड़ी पतली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी की टॉप लीडरशिप ने यूपी में ऐसी 14 सीटों पर फोकस करने का प्लान बनाया है, जिसके रास्ते 'मिशन-80' को पूरा किया जा सकता है.


बता दें कि 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 16 सीटें हारी थी. उनमें से 10 सीटों पर बीएसपी (BSP) और पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी (SP) ने जीत हासिल की थी. वहीं एक सीट कांग्रेस (Congress) के खाते में गई थी. इन सीटों पर बीएसपी, सपा और आरएलडी के बीच गठबंधन भी था. 


सुनील बंसल ने बनाया मेगा प्लान


बीजेपी ने मिशन-80 पूरा करने के लिए राज्य में एक बार फिर सुनील बंसल की ड्यूटी लगा दी है. सुनील बंसल 2013 से उत्तर प्रदेश के संगठन प्रभारी रहे हैं. 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनाव में सुनील बंसल की देखरेख में हुआ. मुख्य रणनीतिकार वही थे. कार्यकर्ताओं में उनकी अच्छी लोकप्रियता है. वहीं बीते कुछ समय पहले पार्टी ने उनको तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल का भी इंचार्ज बनाया गया था.


हाल के दिनों में सुनील बंसल ने उत्तर प्रदेश में कई बैठकें की हैं. माना जा रहा है कि पार्टी ने बंसल को उन सीटों पर रणनीति तैयार करने के लिए कहा है जिस पर वो पिछली बार विजयी प्राप्त नहीं कर सकी. बंसल ने उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने अपना ब्लूप्रिंट भी रख दिया है. 


पसमांदा मुसलमानों को लुभाने में लगी BJP


जिन 14 सीटों पर बीजेपी का फोकस है, वहां पर बीजेपी पसमांदा मुसलमानों को टारगेट करने का प्लान कर रही है. आने वाले दिनों में सूफी समाज के लोगों के सम्मेलन भी आयोजित किए जा सकते हैं. इसी के साथ, सुनील बंसल ने लोकल स्तर पर कार्यकर्ताओं के नेटवर्क को मजूबत करने पर फोकस किया है.


वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय ने 'यूपी तक' से बातचीत में कहा है कि उत्तर प्रदेश को लेकर बीजेपी ने रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि बीजेपी की मंशा यही है कि अगर कुछ राज्यों में बीजेपी की सीटें आने वाले चुनाव में कम होती हैं तो उनकी भरपाई उत्तर प्रदेश से की जाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने साल 2014 में 73 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं 2019 में अपना दल के साथ गठबंधन में 64 सीटें जीती थी. हालांकि, अभी तक बीजेपी कभी भी उत्तर प्रदेश में 80 सीटें नहीं जीत पाई है.


2019 में किन सीटों पर हारी थी BJP


बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, राययबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना.


सुनील बंसल की एंट्री क्यों महत्वपूर्ण है?


बीजेपी में सुनील बंसल का कुछ समय पहले ही प्रमोशन हुआ था. उन्हें संगठन महामंत्री से राष्ट्रीय महामंत्री का जिम्मा सौंपा गया. माना जाता है कि सुनील बंसल अमित शाह के बेहद करीबी हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हीं की रणनीति के कारण बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत मिली थी. 2014 से पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी का नेटवर्क बहुत कमजोर था, लेकिन आज हर गांव-कस्बे में बीजेपी के कार्यकर्ता है. बूथों पर बीजेपी बहुत मजबूत हो गई है. इसके लिए बीजेपी सुनील बंसल को ही क्रेडिट देती आई है. ऐसे में अब एक बार फिर पार्टी ने सुनील बंसल पर भरोसा जताया है और मिशन-80 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं.


ये भी पढ़ें-


Lok Sabha Election Survey: 2019 की तरह 2024 में भी गलत साबित हुआ बिहार का सर्वे तो क्या होगा?