Lok Sabha Election 2024: 'गोवा के लोगों को मिले दोहरी नागरिकता, जबरन थोपा गया संविधान', कांग्रेस कैंडिडेट का दावा; राहुल गांधी से कही थीं ये बातें
Lok Sabha Election 2024; दक्षिण गोवा से प्रत्याशी कैप्टन विरियाटो फर्नांडिस ने दावा किया कि गोवा के लोगों को दोहरी नागरिकता मिलनी चाहिए, क्योंकि हम पर जबरन संविधान थोपा गया.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में नेताओं की ओर से लगातार ऐसे बयान दिए जा रहे हैं. जिसे लेकर देश में सियासत गर्म है. इस लिस्ट में एक और नेता का नाम जुड़ गया है. जिनके बयान पर हंगामा मचा हुआ है. कांग्रेस के दक्षिण गोवा से प्रत्याशी कैप्टन विरियाटो फर्नांडिस ने विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि 1961 को जब हम आजाद हुए थे तो उस संविधान को हम पर थोपा गया, जिसका हम हिस्सा नहीं थे.
कैप्टन विरियाटो फर्नांडिस ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 10 मार्च 2019 को पिछली लोकसभा के चुनाव के कुछ दिन पहले गिरीश चोड़नकर को नया नया गोवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने हमें निमंत्रण भेजा था कि राहुल गांधी आ रहे हैं तो गोवा के संबंधित मुद्दों पर उनसे बातचीत करें. हमने राहुल गांधी के साथ 12 मुद्दों पर बातचीत की थी.
कैप्टन विरियाटो फर्नांडिस ने क्या कहा?
विरियाटो फर्नांडिस ने कहा कि इन 12 मुद्दों में से एक मुद्दा था. हमने गोवा के लोंगो के लिए दोहरी नागरिकता की मांग की तो उन्होंने (राहुल गांधी) मुझसे पुछा कि क्या ये संवैधानिक है? मैंने कहा- नहीं. तो उन्होंने (राहुल गांधी) कहा कि इसपर कोई बातचीत नहीं हो सकती. तो मैने कहा कि क्षमा करें, लेकिन मेरी बात सुनिए, देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया था और उस समय गोवा भारत का हिस्सा नहीं था और 1961 को जब हम आजाद हुए, तब उस संविधान को, जिसको बनाते समय हम लोग उस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे, उसे हम पर थोप दिया गया और अब आप लोग हमें कहते हैं कि यह (दोहरी नागरिकता) असंवैधानिक है.
'गोवा के लोगों की किस्मत किसी और ने तय की'
उन्होंने आगे कहा कि आपके दादा जो देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे. उन्होंने आजाद मैदान में भाषण दिया था कि गोवा के लोग अपनी किस्मत खुद तय करेंगे. लेकिन वो किस्मत तो किसी और ने ही तय की था. तो जो व्यक्ति उनके साथ था. उससे इन्होंने (राहुल गांधी) कहा कि इसकी बात तो सही है कि जब संविधान बनाया और लागू किया गया था. तब गोवा भारत का हिस्सा नहीं था. हमारे लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया, कश्मीर के लिए आर्टिकल 370 का प्रावधान किया गया, जिसकों अब हटाया गया है. लेकिन गोवा वासियों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया.