Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का मुद्दा फिर गरमा गया है. मंगलवार (दो अप्रैल, 2024) को इस मसले पर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में सत्ताधारी दल द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके ने ईवीएम को लेकर रिट याचिका दाखिल की है.
डीएमके इससे पहले फरवरी, 2024 में ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग (ईसी) जा चुका है और तब पार्टी की ओर से कहा गया था- ईसी लोकसभा के चुनाव तब तक न कराए, जब तक कि उसकी ओर से चिह्नित कुछ उल्लंघन का हल नहीं कर दिया जाता है. आम चुनाव में पेपर बैलट व्यवस्था का इस्तेमाल होना चाहिए.
VVPAT से जुड़ी याचिका पर EC-केंद्र को SC का नोटिस
डीएमके की ओर से यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है, जब मंगलवार को कांग्रेस ने ‘वीवीपैट’ की सभी पर्चियों की गिनती के अनुरोध से जुड़ी याचिका पर ईसी और केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के नोटिस को ‘‘पहला महत्वपूर्ण कदम’’ बताया. पार्टी की ओर से इस दौरान कहा गया कि इस विषय पर आम चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से पहले फैसला किया जाना चाहिए.
EVM को लेकर कांग्रेस और सपा पहले ही उठा चुकी हैं सवाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने इससे पहले ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. मार्च 2024 में भोपाल में हुए एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने चेतावनी दी थी कि इस गड़बड़ी में शामिल लोगों को देशद्रोह में फांसी दी जाएगी, जबकि यूपी के मैनपुरी से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव ने कहा था कि ईवीएम को लेकर लोगों में बहुत असमंजस है. लोगों के मन में शंका का भाव है. पिछले चुनाव में लोगों ने कहा कि उन्होंने वोट इस पार्टी को दिया था लेकिन उनका वोट निकला नहीं है. एक तरह की स्पष्टता होनी चाहिए. भले ही ईवीएम सही हो तो भी गांव और शहर के लोग चाहते हैं कि बैलेट पेपर से चुनाव हो.
क्या होती है इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन? जानिए
ईवीएम इलेक्ट्रॉनिक्स पर आधारित वोटिंग मशीन है, जिसकी मदद से लगातार मतदान कराया जा सकता है. खास बात है कि यह पेपर की बचत करती है और इसमें नोटा (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प भी होता है.