West Bengal Lok Sabha Election: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की छह लोकसभा सीटों को आर्थिक रूप से संवेदनशील घोषित कर दिया है. आयोग की तरफ से राज्य एवं केंद्र की जांच एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन सीटों पर लगातार निगरानी रखें. एक अधिकारी ने मंगलवार (19 मार्च) को इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि ये छह निर्वाचन क्षेत्र दार्जीलिंग, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, आसनसोल, बनगांव और कोलकाता उत्तर हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इन निर्वाचन क्षेत्रों से जांच एजेंसियों ने भारी मात्रा में पैसा जब्त किया था. यहां से बड़ी मात्रा में शराब की पेटियां भी जांच अधिकारियों के हाथ लगी थी. यही वजह है कि पुराने रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए इन निर्वाचन क्षेत्रों को वित्तीय रूप से संवेदनशील घोषित किया गया है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा 42 सीटें हैं, जिनमें से इन छह पर अब कड़ी निगरानी होनी है.
इन एजेंसियों को दिए हैं खास निर्देश
चुनाव आयोग ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग जैसी वित्त संबंधी मामलों को संभालने वाली केंद्रीय एजेंसियों को 19 अप्रैल से शुरू होने वाले सात चरण के लोकसभा चुनावों के दौरान इन छह निर्वाचन क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने का भी निर्देश दिया है. सीईओ कार्यालय के एक अधिकारी का कहना है कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव में धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए वित्तीय अनियमितताओं की जांच में विशेषज्ञता रखने वाली केंद्रीय एजेंसियों को शामिल करते हुए एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया जाएगा.
तीन निर्वाचन क्षेत्रों में इन पर्यवेक्षकों की हुई नियुक्ति
सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि कूच बंगाल, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी के तीन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव पैनल की ओर से नामित व्यय पर्यवेक्षक, जहां 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा, राज्य में पहुंचेंगे. इनका काम इस बात की निगरानी करना होगा कि राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव में किया जा रहा खर्च चुनाव आयोग की तरफ से तय मानदंडों के अनुरूप है या नहीं. इन तीन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए तीन आईआरएस अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है. कूच बिहार के लिए संजय कुमार, जलपाईगुड़ी के लिए एम.एम. मीना और अलीपुरद्वार के लिए एस.के.डी. यादव.
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