Deepfake in Lok Sabha Election 2024: चुनाव के समय अक्सर कोई नेता ऐसे बयान दे देते हैं, जिससे विवाद पैदा हो जाता है. लोकसभा चुनाव में 2024 में एआई के जरीय दो दिवंगत नेताओं जयललिता और एम करुणानिधि के ऑडियो क्लिप जारी होने से नया विवाद पैदा हो गया है. 19 अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में एआई के जरीय दिवंगत दिग्गज नेताओं का भाषण एक लोकप्रिय तरीका बन गया है.
जयललिता के ऑडियो क्लिप में सरकार पर निशाना
अभिनेत्री से राजनेता बनीं तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की साल 2016 में मृत्यु हो गई थी. इस बीच एआई का इस्तेमाल कर उनका एक ऑडियो प्रसारित किया गया जिसमें वह मौजूदा केंद्र सरकार की आलोचना करती सुनाई दे रही हैं. एआई जेनरेटेड उस ऑडियो में कहा कहा गया, हमारे पास एक भ्रष्ट और बेकार राज्य सरकार है. मेरे साथ खड़े रहो... हम जनता के लिए हैं."
एम करुणानिधि का क्लिप आया था सामने
इसी तरह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की मृत्यु साल 2018 हो हुई थी. एआई का इस्तेमाल कर उनका ऑडियो क्लीप जारी किया गया था, जिसमें वे अपने बेटे एमके स्टालिन और राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री की तारीफ करते सुनाई दे रहे हैं.
विरोधियों पर निशाना साधने और उनपर तंज कसने के लिए एआई जेनरेटेड क्लीप तैयार किया जाता है. 21 मार्च को जब ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था तो यूथ बीजेपी की ओर से सीएम केजरीवाल का एआई जेनरेटेड वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें वे सलाखों के पीछे बैठकर गिटार बजाते हुए गीत गाते हुए नजर आ रहे थे.
'लोकतंत्र के लिए खतरा'
चेन्नई स्थित फर्म म्यूओनियम के संस्थापक सेंथिल नयागम ने कहा, "दिग्गज नेताओं के आवाज से लोगों का ध्यान आकर्षित करने का यह नया तरीका बन गया है. ऐसे करने से भीड़ भी बढ़ती है." साल 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए उससे पहले चुनावी रैलियों में वे 3डी उपकरणों का इस्तेमाल कर चुके हैं. ताकि वह रैलियों में सबको एक समान दिखाई दे सकें.
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नवंबर 2023 में कहा था कि डीपफेक लोकतंत्र और सामाजिक संस्थानों के लिए एक गंभीर खतरा है. एनडीटीवी से बात करते हुए एआई निर्माता दिव्येंद्र जादौन ने आगामी लोकसभा चुनाव में डीपफेक के गलत इस्तेमाल होने की आशंका जाताई. उन्होंने कहा कि तेजी बढ़ रहे इस टेक्नोलॉजी को देश के बहुत से लोगों ने कम समझ है, वे इसे सच मान लेते हैं.
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