Lok Sabha Election 2024: हिंदू-मुसलमान, मुगल, शहजादा, महाराजा के बाद अब महाराणा पर चुनाव, जानें क्या हो सकता है असर
Maharana Pratap Controversy: मैनपुरी में महाराणा प्रताप की मूर्ति के साथ हुई बदसलूकी ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार हमलावर है.
Lok Sabha Election: देश में इस वक्त लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति हिंदू-मुसलमान, मुगल, शहजादा, महाराजा के बाद अब महाराणा प्रताप पर भी गरमा चुकी है. इसका असर देश की राजनीति पर भी देखने को मिल सकता है. 4 मई को मैनपुरी में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने रोड शो किया था. इस रोड शो के बाद करहल में महाराणा प्रताप की मूर्ति पर चढ़कर जमकर बवाल और बदलसूकी की गई.
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा कि उन्होंने महाराणा प्रताप की मूर्ति के साथ बदसलूकी की है. बीजेपी इस मुद्दे पर हमलावर हो गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि महाराणा प्रताप की मूर्ति को लेकर हो रहे सियासी महाभारत का क्या असर होने वाला है. इस मुद्दे पर अब तक क्या-क्या हुआ और किस नेता ने क्या बयान दिया है.
मैनपुरी से शुरू हुआ विवाद
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग से पहले मैनपुरी से कुछ वीडियो सामने आए. इसमें महाराणा प्रताप की मूर्ति और उस पर चढ़कर हंगामा मचाती भीड़ को देखा गया. इन तस्वीरों ने यूपी की राजनीति को गरमा दिया है. बताया जा रहा है कि ये हंगामा तब हुआ जब मैनपुरी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का रोड शो निकाला जा रहा था.
रोड शो खत्म होने के बाद मैनपुरी के करहल चौराहे पर भीड़ महाराणा प्रताप की मूर्ति के पास पहुंची. आरोप है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मूर्ति पर चढ़ गए थे और पार्टी का झंडा लगा दिया. मामला जब ज्यादा बढ़ा तो पुलिस भी पहुंची. हालात को काबू किया और समाजवादी पार्टी के सौ कार्यकर्ताओं पुर मुकदमा भी दर्ज कर दिया.
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, बीजेपी हमलावर
मैनपुरी एसपी विनोद कुमार ने कहा, "एक पार्टी का रोड शो खत्म होने के बाद कुछ लोग महाराणा प्रताप चौक पर इकट्ठा हुए और एक विशेष पार्टी के झंडे लगाने की कोशिश की. उन्होंने नारेबाजी भी की. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और कार्रवाई की जाएगी." पुलिस ने मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. बाकियों की पहचान सीसीटीवी के आधार पर की जा रही है. दूसरी और महाराणा की मूर्ति पर बवाल को लेकर सियासत भी तेज हो चुकी है. बीजेपी इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.
जनता देगी सपा को जवाब: सीएम योगी
मैनपुरी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार जयवीर सिंह ने कहा है कि समाजवादी पार्टी का पुराना चरित्र है कि जिस गाड़ी में लगा है सपा का झंडा उसे गाड़ी में बैठा है गुंडा. पूरे शहर के लोग दहशत में है. इस घटना को देश बर्दाश्त नहीं करेगा. महाराणा की मूर्ति पर बवाल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी समाजवादी पार्टी को कटघरे में खड़ा किया.
सीएम योगी ने कहा कि यह कृत्य निंदनीय है. मैं इसकी भर्त्सना करता हूं. ये राष्ट्रनायकों का सम्मान नहीं, आतंकियों और पाकिस्तान का महिमामंडन करेंगे. देश की जनता देख रही है और जनता इन्हें जवाब देगी.
बीजेपी रोड शो देखकर घबराई: डिंपल यादव
वहीं, सियासत गरमाई तो समाजवादी पार्टी भी सामने आई और डिंपल यादव ने इस पूरी घटना को बीजेपी की साजिश करार दिया. डिंपल ने कहा कि रोड शो देखकर भारतीय जनता पार्टी घबरा गई है, इसलिए इन लोगों ने इस तरह की साजिश की है. मुझे पूरा भरोसा है कि मैनपुरी और पूरा देश परिवर्तन और बदलाव की राजनीति को स्वीकार रहा है.
मैनपुरी का कैसा रहा है राजनीतिक इतिहास?
मैनपुरी लोकसभा सीट तीन दशक से मुलायम परिवार का गढ़ रही है. मुलायम सिंह ने पांच बार मैनपुरी से जीत हासिल की थी. 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल यादव करीब ढाई लाख वोटों से जीतीं थी, लेकिन तब इसे सहानुभूति की लहर माना गया था. मैनपुरी में इस बार मुकाबला मोदी की गारंटी और मुलायम की विरासत के बीच है. यहां बाजी कौन मारता है. ये तो महीने भर बाद ही पता चलेगा, लेकिन इतना जरूर है कि मैनपुरी में इस बार मुकाबला दिलचस्प होगा.
महाराणा प्रताप विवाद का क्या होगा राजनीतिक असर?
यूपी में महाराणा प्रताप विवाद यूपी के अलावा देश की राजनीति में भी असर डालने वाला है. राजपूत वोटर्स के लिए महाराणा प्रताप एक नायक हैं. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में राजपूत वोटर्स महाराणा प्रताप का बिल्कुल भी अपमान बर्दाश्त नहीं करते हैं. बीजेपी इस बात को भलीभांति जानती है. हालांकि, राजस्थान में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब बाकी के राज्यों में इसका असर दिखेगा.
देश में राजपूत समुदाय की आबादी करीब 7.5 करोड़ बताई जाती है, जो कुल आबादी का 5 से 6 फीसदी है. सबसे ज्यादा राजपूत यूपी में हैं, जहां इनकी संख्या 1.5 करोड़ के आसपास है. इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों का नंबर आता है. ऐसे में कहीं न कहीं जब इन राज्यों में वोटिंग होगी तो राजपूत वोटर्स के मन में महाराणा प्रताप के अपमान का ख्याल जरूर होगा.
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