Election 2024: क्या मल्लिकार्जुन खरगे नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव? गुलबर्गा सीट से इस नाम की हो रही चर्चा
Mallikarjun Kharge: कर्नाटक गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इसी क्षेत्र के चित्तपुर विधानसभा से मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे विधायक हैं.
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं. मल्लिकार्जुन खरगे (81) गुलबर्गा (कलबुरगी) लोकसभा सीट से दो बार जीते हैं, लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
खरगे का राज्यसभा कार्यकाल शेष
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मल्लिकार्जुन खरगे के कलबुरगी से चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं होने संबंधी खबरों की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पास कई जिम्मेदारियां हैं. राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी मामलों के प्रबंधन के अलावा उन्हें इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के भागीदारों के साथ समन्वय करना है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा राज्यसभा में उनका चार साल से अधिक का कार्यकाल अभी शेष है.’’ उनके बेटे प्रियंक खरगे गुलबर्गा क्षेत्र के चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और कर्नाटक में सिद्धरमैया नीत सरकार में मंत्री हैं. वह भी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है.
पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘शैक्षणिक संस्थाओं का प्रबंधन करने वाले कारोबारी डोड्डामणि प्रमुख दावेदार प्रतीत होते हैं.’’ पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित शीर्ष नेताओं के परामर्श से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने पर अंतिम फैसला करेंगे.
राधाकृष्ण डोड्डामणि को कहा गया तैयार रहने
सूत्रों ने बताया कि इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे कि गुलबर्गा से डोड्डामणि उम्मीदवार होंगे या कोई और होगा. राधाकृष्ण डोड्डामणि शुरुआत में चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे. उन्हें इस सीट से मैदान में उतरने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
कलबुरगी में जन्म लेने वाले राधाकृष्ण डोड्डामणि सुर्खियों से दूर रहते हैं. उन्होंने खरगे के चुनाव प्रचार अभियान के प्रबंधन और उसकी रणनीति बनाने में परदे के पीछे हमेशा सक्रिय रूप से काम किया है. बताया जाता है कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच खासकर गुरमिटकल विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रिय हैं, जिसका मल्लिकार्जुन खरगे ने साल1972 से 2004 के बीच लगातार प्रतिनिधित्व किया था.
गुलबर्गा रहा है कांग्रेस का गढ़
बताया जाता है कि कलबुरगी में कांग्रेस के चुनाव प्रबंधकों ने हाल में पार्टी विधायकों और क्षेत्र के नेताओं के साथ एक बैठक के दौरान राधाकृष्ण डोड्डामणि की संभावित उम्मीदवारी और उनकी जीत की संभावना को लेकर चर्चा की थी. गुलबर्गा लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा है. साल 2019 से पहले उसे इस सीट पर केवल 1996 और 1998 में हार मिली थी.
गुलबर्गा में आठ विधानसभा सीट हैं, जिनमें से छह कांग्रेस के पास हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल -सेक्युलर के पास एक-एक सीट है.