Lok Sabha Election 2024 Latest News: लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पश्चिम बंगाल में संदेशखाली के रूप में सबसे बड़ा सियासी हथियार मिल गया है. 2021 में हुए विधानसभा चुनाव से ही पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को चुनौती दे रही बीजेपी ने इस मुद्दे को अच्छी तरह से भुनाया है. संदेशखाली की वजह से बीजेपी फ्रंटफुट पर है, जबकि ममता बनर्जी की टीएमसी बैकफुट पर.
नॉर्थ 24 परगना में संदेशखाली के करीब बारासात में बुधवार (6 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार पर जमकर हमला बोला. अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं को देखकर भावुक भी हो गए. राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि पिछले दो महीने में संदेशखाली में जो कुछ हुआ है उससे ममता बनर्जी के गढ़ यानी संदेशखाली में टीएमसी का किला हिलता दिख रहा है.
इस तरह पीएम ने पहुंचाई TMC को चोट
- पीएम नरेंद्र मोदी ने संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से कहा, “चिंता न करें, हम आपका ध्यान रखेंगे. प्रोटोकॉल की वजह से कुछ बसें समय से बारासात नहीं पहुंच सकीं.”
- पीएम ने ममता बनर्जी सरकार पर केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य में लागू न होने देने का आरोप लगाते हुए कहा कि महिला सुरक्षा, बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, सस्ते सिलेंडर की योजना भी यहां अभी तक लागू नहीं हुई हैं.
- पीएम मोदी ने कहा, “संदेशखाली में गरीब आदिवासी बहनों पर अत्याचार हो रहा है. बंगाल सरकार अत्याचारियों को बचाने के लिए पूरी ताकत से लगी है, लेकिन संदेशखाली की महिलाओं का गुस्सा ज्वार बन चुका है. टीएमसी के माफिया राज को ध्वस्त करने के लिए बंगाल की नारी शक्ति निकल चुकी है."
इस तरह बिगड़ता जा रहा TMC का खेल
संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख का काफी दबदबा है. उस पर राशन घोटाले का आरोप भी लगा था. 5 जनवरी को ईडी की टीम छापेमारी के लिए जब शाहजहाां के घर पहुंची तो टीम पर हमला कर दिया गया. हमले के बाद शाहजहां शेख फरार हो गया. इस बीच शाहजहां शेख के फरार होने के बाद कई महिलाएं सामने आईं और उस पर जमीन हड़पने और उत्पीड़न का आरोप लगाया. इसे लेकर लगातार बवाल बढ़ता गया. बीजेपी इस मुद्दे पर प्रदर्शन करती रही. महिलाओं के उत्पीड़न का मामला बढ़ा तो 55 दिन बाद शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया गया.
कोर्ट के आदेश पर जांच CBI को ट्रांसफर
ईडी टीम पर हुए हमले में जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी, लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया. इस पर रोक लगाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुनवाई के बाद में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
कार्रवाई में लापरवाही से हो सकता है नुकसान
राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि संदेशखाली पर गंभीर आरोपों से घिरे शाहजहां शेख पर कार्रवाई करने में हो रही लापरवाही से टीएमसी की इमेज इलाके में हल्की होती दिख रही है. पीड़ित महिलाओं के अंदर टीएमसी के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा है. बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी एक खास वर्ग के वोट बैंक की वजह से शाहजहां शेख पर ठोस कार्रवाई करने से बच रही हैं.
BJP इस तरह दे रही टीएमसी को लगातार चुनौती
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीट हैं, जिसमें 18 बीजेपी के पास हैं. जबकि 22 सीट टीएमसी और 2 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के अंदर सिर्फ 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में 16 सीटों का फायदा हुआ. अब जबकि संदेशखाली ने टीएमसी को बैकफुट पर ला दिया है तो माना जा रहा है कि बीजेपी इस चुनाव में टीएमसी का किला पूरी तरह से हिला सकती है.
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