Lok Sabha Election 2024: कर्नाटक में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी चीफ शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन सहित 18 विपक्षी दल के नेता एक मंजर पर नजर आए. इसमें विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया. 


शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खचाखच भरे श्री कांतीरवा स्टेडियम में सबकी निगाहें मंच पर इसलिए बार-बार जा रही थीं कि वहां देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और विपक्ष शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे. वे एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे.  विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर विजयी मुद्रा में ऊपर उठाया और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की. 


कौन-कौन शामिल हुआ?
सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में एनसपी के प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी  की नेता महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा और भाकपा (माले) के प्रमुख दीपांकर भट्टाचार्य ने भी शपथ के कार्यक्रम में पहुंचे थे. 


शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अब्दुस्समद समदानी, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, वीसीके के नेता थोल थिरुवामवलवन और मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के नेता और अभिनेता कमल हासन भी शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.  


कौन-कौन नहीं आया?
इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं. टीएमसी की चीफ ममता बनर्जी ने अपने दल की तरफ से लोकसभा में पार्टी की उप नेता काकोली घोष दस्तीदार को भेजा था. वहीं कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी न्योता भेजा था, लेकिन वह या उनकी पार्टी का कोई प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ. 


किसे नहीं बुलाया?
कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को आमंत्रित नहीं किया था. बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को भी नहीं बुलाया गया था. 


लोकसभा चुनाव को लेकर हो रही है कोशिश
अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं.  इस प्रयास के तहत खरगे कई विपक्षी नेताओं से बात और मुलाकात कर चुके हैं. दूसरी तरफ नीतीश कुमार भी कई विपक्षी नेताओं से मिलकर उन्हें एक मंच पर आने की सलाह दे चुके हैं.  आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हो सकती है. 


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