Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पटना (Patna) में 23 जून को विपक्ष की बैठक होनी है. आगामी बैठक में प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार पर चर्चा नहीं होगी. इसमें लोकसभा चुनाव से पहले काम करने के लिए पार्टियों के लिए साझा एजेंडा तय करने पर फोकस रहेगा. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सूत्रों का कहना है कि बैठक में पीएम के चेहरे पर कोई बातचीत नहीं हो रही है. नाम न छापने की शर्त पर आरजेडी के एक नेता ने कहा कि एक साझा एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा. महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी और जीएसटी जैसे खराब मुद्दे को लेकर चर्चा की जाएगी. 


उन्होंने कहा, "इसके अलावा, सांप्रदायिक सद्भाव, सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग और लोकतंत्र का विनाश महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. जाति आधारित जनगणना का मुद्दा, जिसे बिहार में बीजेपी नेताओं का भी समर्थन मिला है, इसका भी एजेंडे में होना तय है." उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर इन मुद्दों पर बड़ा समर्थन मिलने की उम्मीद.  


सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार के एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पेश करने की संभावना है. हालांकि, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में कोई बात नहीं होगी. पीएम पर चर्चा करना बैठक का उद्देश्य नहीं है. सूत्र ने कहा कि बैठक अगले आम चुनाव के लिए विपक्ष के बीच समन्वय के लिए है, यह पहला कदम होगा. 


बैठक में कौन-कौन नेता होंगे शामिल


एक अन्य विपक्षी दल के एक नेता ने कहा कि वे वरिष्ठ नेताओं की एक टीम के गठन पर चर्चा कर सकते हैं, जो विभिन्न राज्यों में जाएगी, नेताओं से बात करेगी और साथ ही विपक्ष के लिए समर्थन जुटाने के लिए बैठकें और सम्मेलन आयोजित करेगी. बैठक में भाग लेने के लिए सहमति देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार शामिल हैं. 


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई महासचिव डी. राजा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआईएम महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य अन्य नेता हैं जो बैठक का हिस्सा बनने के लिए सहमत हुए हैं. इसके अलावा बीआरएस, ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजेडी और बीएसपी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस के साथ मतभेदों के कारण इस बैठक से दूरी बनाई है. 


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