(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election: जिस चर्च पर चल रही थी IT की जांच, अब उसने BJP उम्मीदवार को किया सपोर्ट
Lok Sabha Election 2024: बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च की इनकम टैक्स मामले में जांच नवंबर 2020 में शुरू हुई थी. जो पिछले कुछ सालों में मिले दान में 4,000 करोड़ रुपये से जुड़ी हुई थी.
Lok Sabha Election 2024 Phase 2 Polling: केरल में आज सभी 20 सीटों पर लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान हो रहा हैं. वहीं, पथनमथिट्टा लोकसभा क्षेत्र के ‘बिलीवर्स चर्च’ ने आज बीजेपी के उम्मीदवार अनिल एंटनी को समर्थन देने का फैसला किया है. ऐसा पहली बार है जब किसी चर्च ने सार्वजनिक रूप से बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पथनमथिट्टा लोकसभा सीट में पड़ने वाली बिलीवर्स चर्च साल 2020 से आयकर विभाग की जांच का सामना कर रही है. साल 2017 में इसका विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया गया था.
IT और FCRA से नहीं है कोई लेना देना- फादर सिजो
इस मामले में चर्च के प्रवक्ता, फादर सिजो पांडाप्लाकल का कहना है कि पथानामथिट्टा लोकसभा सीट में बीजेपी को समर्थन देने का फैसला एंटनी की ओर से चर्च के लीडर्स से मुलाकात के बाद लिया गया था. इसका इनकम टैक्स की जांच या एफसीआरए लाइसेंस से कोई लेना-देना नहीं है. फादर ने कहा कि फिलहाल, ये समर्थन केवल पथानामथिट्टा में बीजेपी उम्मीदवार अनिल एंटनी के लिए है. हमारे फैसले का चर्च के खिलाफ आयकर जांच से कोई लेना-देना नहीं है. यह जांच अभी चल रही है.
चर्च के प्रवक्ता, फादर सिजो पांडाप्लाकल ने बताया कि चर्च का एफसीआरए लाइसेंस - जो विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है. साल 2019 के लोकसभा चुनावों से कई साल पहले रद्द कर दिया गया था. हालांकि, चर्च ने उस समय बीजेपी का समर्थन करके फैसले को उलटने की कोशिश नहीं की थी. उन्होंने कहा कि साल 2019 के चुनाव में हमने ऐसी कोई कोशिश नहीं की. फिर, हमें 2024 में ऐसा क्यों करना चाहिए?
इनकम टैक्स मामले में जांच नवंबर 2020 में हुई थी शुरू
द बिलीवर्स चर्च, जिसकी स्थापना साल 2000 में इंजीलवादी केपी योहन्नान ने की थी. इसका मुख्यालय तिरुवल्ला में है. चर्च की इनकम टैक्स मामले में जांच नवंबर 2020 में शुरू हुई थी. जो पिछले कुछ सालों में मिले दान में 4,000 करोड़ रुपये से जुड़ी हुई थी. ऐसा पाया गया कि इन फंडों का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर रियल एस्टेट क्षेत्र में गया था. इसके साथ ही चर्च का एफसीआरए लाइसेंस खर्च से जुड़ी अनियमिताओं को लेकर साल 2017 में रद्द कर दिया गया था.
हिंदुओं का धर्मांतरण कराने को लेकर RSS कर चुका है आलोचना
गौरतलब है कि, चर्च का बीजेपी को समर्थन देने का फैसला ऐसे समय में आया है जब पार्टी केरल में ईसाई समुदाय का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है, जहां आज 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव में मतदान हो रहा है. वहीं, अतीत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक ने दलित हिंदुओं को ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने के लिए केरल में पेंटेकोस्टल समूहों की आलोचना की है.
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