PM Narendra Modi Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. बीजेपी की ओर से दावा किया जा रहा है कि वह तीसरी बार भी जीत दर्ज करेंगे और प्रधानमंत्री बनेंगे. प्रधानमंत्री खुद भी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन इन सबके बीच वह अपने जीवन में एक चीज की कमी महसूस कर रहे हैं. यह कमी है मां की. एक इंटरव्यू में पीएम अपनी मां को याद करके भावुक हो गए.


पीएम नरेंद्र मोदी ने टाइम्स नाऊ नवभारत को दिए इंटरव्यू में अपनी मां हीराबेन मोदी और वाराणसी लोकसभा सीट को लेकर कई बार भावुक होते दिखे. उन्होंने इंटरव्यू में मां से खास जुड़ाव और नामांकन से पहले उनके पैर छूकर जाने की वजह भी बताई.


जब ठुकरा दिया था अटल बिहारी वाजपेयी का प्रस्ताव


पीएम मोदी से जब पूछा गया कि 2002 के बाद ये पहला चुनाव है, जब आपके पास सबकुछ होगा, लेकिन मां नहीं होंगी तो इस सवाल के जवाब को देते हुए पीएम भावुक हो गए. उन्होंने कहा, मैं कभी मुख्य राजनीति में नहीं था और न ही अपने प्रदेश गुजरात में रहता था. अचानक एक बार अटल जी का फोन आया कि आपको गुजरात जाना है. मैंने कहा कि अभी मैं पूरे देश में पार्टी का काम कर रहा हूं, लेकिन आप गुजरात क्यों भेज रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि देश का काम बहुत हुआ, अब जाकर गुजरात में सरकार चलाओ. मैंने कहा कि मैंने कभी ये सब नहीं किया तो सरकार कैसे चलाऊंगा.. इस तरह मैं उन्हें मना करके वहां से लौट आया.


इस तरह शुरू हुआ मां से खास जुड़ाव


पीएम मोदी कहते हैं कि अगले दिन लाल कृष्ण आडवाणी जी का फोन आया और उन्होंने कहा कि तुमने अटल जी को क्यों मना कर दिया. फिर उन्होंने समझाया तो मैं तैयार हुआ. इसके बाद मैंने अटल जी को कॉल करके माफी मांगी और नई जिम्मेदारी के लिए तैयार हुआ. इसके बाद मैं अपनी मां से मिलने गया और उनसे  कहा कि गुजरात वापस आ रहा हूं. यह बात सुनकर वह बहुत खुश हुईं. उन्हें मेरे घर लौटने की खुशी थी. उन्होंने मुझसे दो बातें कहीं, पहला ये कि हमेशा गरीब की चिंता करना, दूसरी बात ये कि कभी रिश्वत मत लेना. तब से मेरा मां से नाता जुड़ा.


'इस बार अपनी मां नहीं, लेकिन 140 करोड़ देशवासियों की मां साथ'


मोदी ने बताया कि मैं गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार जब नामांकन करने जा रहा था तो उससे पहले मां के पांव छूने गया, उन्होंने मुझे गुड़ दिया. तब से लेकर जितने नामांकन किए, मैं मां के पांव छूने जाता था. हर बार मां मुझे गुड़ देती थी. ये पहला चुनाव होगा जब मां के बिना पांव छुए जाऊंगा, लेकिन मन में एक भाव भी आता है कि देश के 140 करोड़ लोगों की माताओं ने जिस प्रकार से मुझे प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया है, उन्हीं का स्मरण करके मैं फिर नामांकन करूंगा. फिर मां गंगा तो हैं ही... उस मां की कमी तो है, लेकिन करोड़ों माताएं भावनात्मक रूप से मुझे शक्ति देती रहती हैं.


'काशी से खास रिश्ता, अब यह मेरी काशी हो गई है'


मोदी ने काशी से नामांक के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि पार्टी ने तीसरी बार मुझे यहां से उम्मीदवार बनाया है. मैं थोड़ा भावुक हूं इस बार. मैं जब 2014 में काशी गया तो नामांकन के बाद ऐसे ही मीडिया के लोगों ने पूछा तो मेरे मुंह से ऐसे निकल गया कि न मैं यहां आया हूं, न मुझे किसी ने भेजा है.. मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है. अब 10 साल के बाद मैं पूरे भावुगता के साथ कह सकता हूं कि उस समय मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है, आज मुझे लगता है कि मां गंगा ने मुझे गोद लिया है. ये लाइन कहते पीएम भावुक हो गए. 10 साल बीत गए हैं और काशी से इतना रिश्ता जुड़ गया है कि मैं जब भी बोलता हूं तो कहता हूं मेरी काशी. मैं मां-बेटे का रिश्ता मेरी काशी के साथ समझता हूं.


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