(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
PM Modi Popularity: पीएम मोदी के बारे में क्या सोचते हैं लोग? सर्वे में हो गया पॉपुलैरिटी की वजह का खुलासा
Lok Sabha Election Survey 2024: पीएम मोदी अभी भी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. एक सर्वे में ये खुलासा हुआ है. आइए जानते हैं उनकी पॉपुलैरिटी की वजह क्या है.
Lok sabha Election Survey: लोकसभा चुनाव 2024 में अब सिर्फ एक साल का ही वक्त रह गया है. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और वह एक बार फिर से विपक्ष की धुरी बनने का सपना देखने लगी है. वहीं, बीजेपी को प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे से आस है. इस बीच प्रधानमंत्री को लेकर जनता क्या सोच रही है, इसे बताने वाला एक सर्वे सामने आया है.
एनडीटीवी और लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में पीएम नरेंद्र मोदी को सबसे पॉपुलर लीडर बताया गया है. 19 राज्यों में किए गए इस सर्वे को 10 से 19 मई के दौरान किया गया है. ये वही समय है जब कर्नाटक चुनाव के नतीजे आए थे, जिसमें बीजेपी को करारी हार मिली थी.
लोकप्रियता में मोदी नंबर-1
हालांकि, कर्नाटक की हार के बावजूद पीएम मोदी की लोकप्रियता कम नहीं हुई है और वे अभी भी जनता की टॉप पसंद हैं. 43 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अगर आज चुनाव होते हैं तो नरेंद्र मोदी पीएम पद के लिए उनकी पहली पसंद होंगे. उनके आस-पास कोई नहीं है. दूसरे नंबर पर राहुल गांधी को 29 फीसदी जनता ने पसंद किया है.
सर्वे में पीएम मोदी को पसंद करने वाले लोग 40 फीसदी हैं. वहीं, 25 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो न तो पसंद करते हैं और न ही नापसंद करते हैं. 23 फीसदी लोग उन्हें पसंद नहीं करते. 12 फीसदी ने कोई जवाब नहीं दिया.
पीएम मोदी को क्यों पसंद करतें हैं लोग?
ये तो हुई पीएम मोदी की लोकप्रियता की बात, लेकिन इसी सर्वे में ये भी पूछा गया है कि आखिर नरेंद्र मोदी की इस पॉपुलैरिटी के पीछे वजह क्या है और जनता उन्हें क्यों पसंद करती है. इस सवाल का भी दिलचस्प जवाब मिला है. पीएम मोदी को सबसे ज्यादा उनके भाषण के लिए लोग पसंद करते हैं. 25 प्रतिशत यानी एक चौथाई लोग पीएम मोदी को उनकी भाषण कला की वजह से प्यार करते हैं. विकास पुरुष वाली छवि के लिए 20 फीसदी लोगों की वे पसंद बने.
सर्वे में उनकी कड़ी मेहनत के लिए 14 फीसदी, करिश्माई नेता के लिए 13 फीसदी, नीतियों के लिए 11 फीसदी और अन्य चीजों के लिए 15 फीसदी लोग पीएम मोदी को पसंद करते हैं. सर्वे में शामिल 3 प्रतिशत लोगों ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया.
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