Lok Sabha Elections: 'विपक्षी दल हाथ मिलाएं तो बीजेपी को...', राहुल गांधी का ऑपन ऑफर, बोले- हमें लोगों को देना होगा विकल्प
Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी दलों को खुला ऑफर दिया है. उन्होंने सभी विपक्षी दलों से एक-साथ आने की अपील की है. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है.
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Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार (21 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व वाली बीजेपी (BJP) को हराने के लिए एक रणनीति बताई है. उन्होंने कहा कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आएं और विकल्प पेश करें तो बीजेपी को 2024 के चुनावों में हराया जा सकता है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "अगर भारत के दो दृष्टिकोण एक-दूसरे का सामना करते हैं... तो हम जीतने में सक्षम होंगे."
राहुल गांधी ने इंटरव्यू में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुए ध्रुवीकरण की बात को भी स्वीकार किया. हालांकि, जोर देकर ये भी कहा कि स्थिति उतनी भयानक नहीं है, क्योंकि मीडिया इसे सरकार के इशारे पर लोगों को गरीबी, अशिक्षा, महंगाई, छोटे-मोटे संकट जैसे वास्तविक मुद्दों से विचलित करने के उपकरण के रूप में पेश करता है.
'मैं दो साल से बोल नहीं पा रहा हूं'
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि न्याय स्वतंत्र नहीं है, केंद्रवाद निरपेक्ष है और प्रेस अब स्वतंत्र नहीं है. उन्होंने कहा, "फासीवाद पहले से ही है... संसद अब काम नहीं कर रही है. मैं दो साल से बोल नहीं पा रहा हूं... जैसे ही मैं (संसद में) बोलता हूं, वे मेरा माइक्रोफोन बंद कर देते हैं." उन्होंने इंटरव्यू में भारत-चीन संबंधों का भी उल्लेख किया. राहुल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि औद्योगिक स्तर पर पश्चिमी देश चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, विशेष रूप से कच्चे माल के उत्पादन में."
'हर किसी की सीमा होता है'
राहुल गांधी ने अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक तपस्या की तरह है. उन्होंने कहा, "...हर किसी की सीमा होती है, मैं भी इसमें शामिल हूं...संस्कृत में एक शब्द है, तपस्या, जिसे समझना एक पश्चिमी दिमाग के लिए मुश्किल है. कुछ इसे बलिदान, धैर्य के रूप में अनुवादित करते हैं..."
कौन हैं राहुल गांधी के मार्गदर्शक?
राहुल गांधी ने इंटरव्यू में भारत के पहले प्रधानमंत्री के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि वो जवाहरलाल नेहरू को अपना मार्गदर्शक मानते हैं, भले ही उनके परदादा की मृत्यु उनके जन्म से पहले ही हो गई थी. उन्होंने कहा कि वो अपनी दादी इंदिरा गांधी के पसंदीदा थे और उनके साथ एक मजबूत बॉन्ड शेयर करते थे.
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