(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election 2024: रामचरितमानस पर विवाद छेड़ आम चुनाव में क्या सपा और RJD रोक पाएंगे बीजेपी की हैट्रिक?
समाजवादी पार्टी अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति को सामने करके 2024 में बीजेपी के विजय रथ को रोकने की योजना बना रही है. उधर बिहार में महागठबंधन भी अपने प्लान पर काम कर रहा है.
Lok Sabha Election 2024: बिहार में आरजेडी विधायक और मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर टिप्पणी की तो उसके कुछ ही दिन बाद यूपी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाई पर विवाद छेड़ कर सियासत को अगड़ा बनाम पिछड़ा का शक्ल देने की पूरी कोशिश की. सवाल है कि क्या इसी बुनियाद पर समाजवादी पार्टी और आरजेडी 2024 के आम चुनाव में बीजेपी की हैट्रिक रोकेगी?
2024 के लिए समाजवादी पार्टी का ब्लूप्रिंट क्या है. इसे समझने के लिए हाल ही के दो बयानों में को समझते हैं. पहला अखिलेश यादव का जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में बहुत सारे दल हैं, जो जातीय जनगणना चाहते हैं. समाजवादी पार्टी आने वाले समय में गांव -गांव जाकर इसके लिए जागरूक करेगी. दूसरा बयान स्वामी प्रसाद मौर्य का है, जिसमें उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री आवास खाली हुआ तो इन्हीं भाजपाइयों ने गंगाजल और गोमूत्र से उसे धुलवाया था. तथाकथित धर्म के ठेकेदारों ने शूद्र समाज में पैदा होने वाले अखिलेश को यादव समझकर उसे गोमूत्र से धुलवाया था. अगर यादव की जगह तिवारी, शुक्ला या मिश्रा लगा होता तो क्या गंगाजल से धुलवाते?"
बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की तैयारी
इन बयानों से समझ में आ गया होगा कि यूपी में जातियों के चक्रव्यूह में बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की तैयारी शुरु हो चुकी है. अखिलेश के पुराने सहयोगी सपा से नाराज हैं, जबकि बीजेपी को पता है कि मामला गंभीर है. बयानों पर डिप्टी सीएम और प्रदेश में बीजेपी का मजबूत ओबीसी चेहरा केशव मौर्य सामने आए और कहा- समाजवादी पार्टी का इस समय अभियान चल रहा है कि जैसे दूध में नींबू डालकर फाड़ने का काम किया जाता है उसी तरह समाज को बांटे, लेकिन उनकी ये साजिश सफल नहीं होगी.
बीजेपी का काउंटर अटैक
समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस के बहाने यूपी में अगड़ा बनाम पिछड़ा का दांव चला, तो बीजेपी ने काउंटर अटैक की बरसात कर दी. जैसे-जैसे विवाद बढ़ रहा है. बीजेपी के हमले भी तेज होते जा रहे हैं. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि सपा समाज में विग्रह पैदा करके चुनाव जीतने का सपना देखने के बजाय कोई विकास का मॉडल लेकर आए.
बीजेपी समझ रही है कि अगर जातीय चक्रव्यूह को समय रहते न भेदा गया तो पीएम मोदी के विजय रथ के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. बीजेपी के सहयोगी दल भी इसे भेदने के लिए आगे आ रहे हैं. यूपी में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने स्वामी प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी पर कहा कि धर्म के खिलाफ बोलने वाला अधर्मी होता है. राम पर गोली चलवाने वालो और राम पर बोलने वालों का चेहरा लोगो के बीच आ गया है. ऐसे ही दो चार नेता रहे तो बची-खुची समाजवादी पार्टी भी खत्म हो जाएगी.
मायावती का बयान बीजेपी के लिए राहत
फिलहाल, अगला-पिछड़ा की लड़ाई में बीजेपी को बसपा सुप्रीमो के बयान से राहत मिली है. मायावती ने रामचरितमानस विवाद पर सपा को निशाने पर लेते हुए ट्विटर पर लिखा, "देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है. अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे."
उधर अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए ही मायावती पर निशाना साधा और कहा, उत्तर प्रदेश और देश की जनता जानती है कि कौन सा दल भारतीय जनता पार्टी की मदद कर रहा है.
बिहार में महागठबंधन की तैयारी
यूपी के साथ ही बिहार में भी महागठबंधन ने अगड़ा और पिछड़ा का दांव चला है. मंत्री चंद्रशेखर का बयान उसी कड़ी का हिस्सा है. इसके साथ ही नीतीश सरकार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण की शुरुआत कर दी है. इसमें राज्य में रह रही जातियों की संख्या पता लगाया जाएगा. कई विपक्षी दल देश में जाति जनगणना की मांग करते रहे हैं जिसे केंद्र की बीजेपी सरकार ने स्वीकार नहीं किया है. लेकिन अब बिहार में जाति सर्वेक्षण के बाद बीजेपी पर दबाव बन रहा है.
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