(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एक मायावती का करीबी तो एक मुलायम का खास, अखिलेश ने सपा की पहली लिस्ट में खेले कौन-कौन से दांव, पढ़ें पूरी कहानी
समाजवादी पार्टी ने पहली लिस्ट में 11 पिछड़ा वर्ग, एक मुस्लिम, एक दलित, एक ठाकुर, एक टंडन और 1 खत्री उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है. लिस्ट में 3 चेहरे यादव परिवार से हैं.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yada) ने समाजवादी पार्टी (SP) की पहली लिस्ट में एक से बढ़कर एक दिग्गज के नाम का ऐलान किया है. यादव परिवार के अलावा मायावती के करीबी रहे लालजी वर्मा और मुलायम सिंह यादव के खास अवधेश प्रसाद का नाम भी लिस्ट में है. इस लिस्ट में सबसे उम्रदराज सांसदों में शामिल डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क भी हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सपा के हैंडल के अनुसार, 16 उम्मीदवारों में से 11 पिछड़ा वर्ग, एक मुस्लिम, एक दलित, एक ठाकुर, एक टंडन और 1 खत्री उम्मीदवार है. 11 ओबीसी कैंडिडेट में से 4 कुर्मी, 3 यादव, 2 शाक्य, 1 निषाद और 1 पाल हैं.
यादव परिवार से तीन कैंडिडेट
यादव परिवार से तीन चेहरे सपा की पहली लिस्ट में शामिल हैं. डिंपल यादव को मैनपुरी से, राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को फिरोजाबाद और धर्मेंद्र यादव को बदायूं सीट से टिकट मिला है. संभल से शफीकुर्रहमान को टिकट मिला है. पार्टी में शफीकुर्रहमान बर्क का कद काफी ऊंचा है और संभल में भी उनका बड़ा वोट बैंक है. पिछले चुनाव में प्रचंड मोदी लहर में भी उन्होंने बीजेपी कैंडिडेट को करारी शिकस्त दी थी. बीजेपी प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी को उन्होंने 1 लाख 74 हजार 826 वोटों से हराया था.
मायावती के करीबी रहे लालजी वर्मा को भी दिया टिकट
इस बीच लालजी वर्मा की भी काफी चर्चा हो रही है. लालजी वर्मा को अंबेडकर नगर सीट से टिकट मिला है. 1992 में पहली बार लालजी वर्मा ने टांडा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था और लगातार 4 बार यहां विधायक रहे, जबकि 2 बार कटहरी से. मायावती की सरकार में वह संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. उनकी गिनती मायावती के करीबियों में होती थी, लेकिन 2022 में उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया और वह सपा में चले गए. अब सपा ने उन्हें मायावती के गढ़ में ही उतार दिया है. साल 1989 में मायावती ने इसी सीट से पहली बार संसदीय चुनाव लड़ा था और वह यहां से 1998, 1999 और 2004 में जीत की हैट्रिक लगा चुकी हैं.
इस सीट की जातिगत समीकरण पर नजर डाल लेते हैं. दावा है कि अंबेडकर नगर में करीब ढाई लाख कुर्मी वोटर हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक, अंबेडकर नगर की कुल आबादी 24 लाख है, जिनमें से 75 फीसदी आबादी सामान्य जाति और 25 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है. वहीं, धर्म के आधार पर 83 फीसदी हिंदू और 17 फीसदी मुस्लिम यहां रहते हैं.
मुलायम के करीबी अवधेश प्रसाद
अवधेश प्रसाद की गिनती मुलायम सिंह यादव के करीबीयों में होती है. वह दलित चेहरा हैं और अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक हैं. वह यूपी के कद्दावर नेता हैं और दलित वोटर्स में उनकी अच्छी पकड़ है. दलित के अलावा यादव और मुस्लिम वोटर्स में भी वह काफी प्रचलित हैं. वैसे तो अवेधश प्रसाद ने जनता पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, लेकिन फिर सपा में आ गए और उसके टिकट पर कई चुनाव जीते. 1977 में पहली बार अयोध्या की सोहावल विधानसभा सीट पर जीत हासिल की. फिर 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 तक लगातार चुनाव जीता. हालांकि, 2017 के चुनाव में वह हार गए, लेकिन 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में फिर से जीत मिली. अब पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार दिया है.
सपा की लिस्ट में पांच नाम चौंकाने वाले
सपा की लिस्ट में पांच नाम चौंकाने वाले है. एटा से देवेश शाक्य, फर्रुखाबाद से नवल किशोर शाक्य, गोरखपुर से काजल निषाद, उन्नाव से अन्नु टंडन और फैजाबाद से अवधेश प्रसाद को टिकट देकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में काजल निषाद को टिकट मिला है. इनके अलावा, उन्नाव से अन्नु टंडन को टिकट मिला है. अन्नु टंडन कांग्रेस से सांसद रह चुकी हैं और पहले 2014 और 2019 में फैजाबाद से भी जीत चुकी हैं.
यह भी पढ़ें:-
लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने उतारा 94 साल का कैंडिडेट, जानें कौन हैं ये?