Lok Sabha Election 2024: अपने घर में ही घिर गए अखिलेश यादव? पूरे यूपी में ठोंक रहे ताल पर इन 5 सीटों पर फोकस क्यों
Lok Sabha Election: सैफई में यादव परिवार ने सोमवार (25 मार्च) को एकसाथ होली मनाई. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि हमने इस बार परिवार वालों को टिकट दिया है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उम्मीदवीरों की 5वीं लिस्ट जारी कर दी है. लिस्ट में पार्टी ने कुल 111 प्रत्याशियों का ऐलान किया है. इनमें यूपी के 13 उम्मीदवारों के नाम भी शामिल हैं. अब तक यूपी में बीजेपी ने 63 कैंडिडेट्स के नाम फाइनल कर दिए हैं. बीजेपी के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही इसका इम्पैक्ट भी दिखने लगा है. इसकी एक झलक होली के मौके पर देखने को मिली.
यादव परिवार ने सोमवार (25 मार्च) को एकसाथ होली मनाई. इस दौरान अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल यादव, चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव, सब साथ दिखे और सबकी जुबां पर एक ही बात थी और वह थी 2024 का चुनाव. अखिलेश यादव जो पहले यूपी की 80 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे. होली के मौके पर उन्हें महज यादव परिवार की बात करते दिखाई दिए.
'सभी परिवार वालों को टिकट दिया'
अखिलेश ने सैफई में आयोजित होली महोत्सव के दौरान कहा, "लोग परिवार वालों को लेकर तमाम सवाल उठा रहे हैं, इसलिए हमने भी रिकॉर्ड बना लिया और सभी परिवार वालों को टिकट दे दिया. यह रिकॉर्ड इसलिए भी तोड़ दिया कि बीजेपी वाले पता नहीं क्या-क्या कहते हैं?"
'यह भविष्य का चुनाव'
उन्होंने कहा कि हम बीजेपी से कहेंगे कि वह भी इस होली पर संकल्प लें कि वे किसी भी परिवार वाले को टिकट नहीं देंगे और वे किसी भी परिवार वाले से वोट मांगने नहीं जाएंगे. सपा प्रमुख ने कहा कि यह केवल चुनाव नहीं है, बल्कि आपके और मेरे भविष्य का भी चुनाव है.
शिवपाल यादव की कार्यकर्ताओं को सलाह
वहीं, इस मौके पर शिवपाल यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोगों होली के साथ-साथ चुनाव की तैयारी भी करनी है. 2024 के चुनाव में गंभीर हो जाएं और आपको जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है, उसे गंभीरता के साथ पूरा करें. कुछ भी करना पड़े करना, किसी को मनाना पड़े तो मानाना.
2019 में परिवार की कितनी सीटें जीते
2019 में अखिलेश यादव के परिवार से दो लोग ही चुनाव जीत पाए थे. मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से और अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव जीत सके थे. वहीं, कन्नौज सीट से बीजेपी के सुब्रत पाठक ने जीत हासिल की थी. 2022 में अखिलेश यादव ने करहल से विधायक बन जाने के बाद आजमगढ़ सीट छोड़ दी थी, लेकिन उस पर उपचुनाव में बीजेपी ने कब्जा कर लिया. इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार दिनेशलाल यादव निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को मात दी थी.