Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अब लगभग 400 दिन का वक्त बचा है. लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में बीजेपी मिशन में जुट गई है. राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की टीम 5 महीने पर जमीन पर पसीना बहाकर भारत जोड़ो यात्रा पूरी कर तैयार है. इस बीच लोकसभा चुनावों का मूड बताने का दावा करने वाले वाला एक सर्वे आया है. ये सर्वे बीजेपी के लिए टेंशन देता दिख रहा है.
सी वोटर और इंडिया टुडे के इस सर्वे के मुताबिक, राम मंदिर और अनुच्छेद 370, ये दो मुद्दे बीजेपी की धुरी रहे हैं. राम मंदिर के बहाने पार्टी को सत्ता सीढ़ियों तक पहुंचने का मौका मिला. बीजेपी के हार्डकोर वोटर की इसके बिना कल्पना भी नहीं की जाती लेकिन ऐसा लगता है कि ये मुद्दा अब बीजेपी समर्थकों की प्राथमिकता में नहीं है. ऐसा तब है जब पार्टी ये दोनों ब्रहास्त्र चला चुकी है. राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है और अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है.
नहीं काम कर रहा बीजेपी का ब्रह्मास्त्र
बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने 2019 में अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया था. तब गठबंधन को 353 सीटें मिली थीं और मोदी सरकार 2.0 का गठन हुआ था. जनवरी 2023 का सर्वे देखें तो एनडीए की 55 लोकसभा सीटें हाथ से निकल गई हैं. सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी के सबसे बड़े ब्रह्मास्त्र इस बार काम नहीं कर रहे हैं.
राम मंदिर और 370 अब पीछे
सर्वे के अनुसार, सिर्फ 14 फीसदी लोग ही अनुच्छेद 370 हटाने को बीजेपी की उपलब्धि मानते हैं. राम मंदिर पर ये आंकड़ा और नीचे गिरकर 12 प्रतिशत पहुंच जाता है. दो प्रमुख वादों को पूरा करने के बाद जिस तरह से जनता का रिस्पॉन्स इस पर मिला है, वो बीजेपी के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात होगी. हालांकि, राहत की बात ये है कि उसके नेता नरेंद्र मोदी अभी भी देश में लोकप्रिय बने हुए हैं.
महंगाई-बेरोजगारी सताएंगे
एक तरफ हार्डलाइन हिंदुत्व से जनता दूर जा रही है तो बीजेपी के सामने महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है. सर्वे में शामिल 25 फीसदी लोगों ने वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को बीजेपी की सबसे बड़ी असफलता बताया है. महंगाई को लेकर एक चौथाई लोगों की नाराजगी बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. बेरोजगारी पर भी जनता की नाराजगी है और 17 प्रतिशत लोगों ने इसे बीजेपी की सबसे बड़ी असफलता माना है.
कांग्रेस बढ़ रही
इन सब मुद्दों के साथ ही कांग्रेस का ऊपर आता ग्राफ भी तीसरी बार मोदी सरकार की वापसी की राह में बाधा बन सकता है. 2019 में कांग्रेस नीत यूपीए गठबंधन दो अंकों में ही सिमटकर रह गया था. यूपीए को 92 सीटें ही आई थीं. कांग्रेस को सिर्फ 52 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. इस बार के सर्वे में यूपीए की सीटें बढ़कर 153 होती दिखाई गई हैं. कांग्रेस नीत गठबंधन को 30 फीसदी वोट मिलने का अनुमान सर्वे में जाहिर किया गया है.
हालांकि, सर्वे के मुताबिक आज चुनाव होते हैं तो देश में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की फिर से वापसी होगी. एनडीए के खाते में 298 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. इसमें 284 सीट बीजेपी को, जबकि 14 सीट उसके अन्य सहयोगियों को जाती दिखाई दे रही हैं. सीटों की ये संख्या भले ही बहुमत पहुंचा रही है लेकिन बीजेपी के लिए ये आंकड़े परेशान करने वाले हैं. खास तौर पर कांग्रेस का प्रदर्शन जिस तरह से बढ़ा है, वह उसकी चिंता को ज्यादा बढ़ाएगा.
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