Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से ही सभी पार्टियां मैदान में उतर गई हैं. बीजेपी नीत एनडीए तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जोर लगा रहा है तो कांग्रेस भी बीजेपी की हैट्रिक रोकने के लिए सियासी समीकरण बनाने में लगी है. इस बीच एक सर्वे सामने आया है जिसके आंकड़े तीन राज्यों की 116 सीटों में से 76 पर पीएम मोदी और अमित शाह की टेंशन बढ़ाने वाले हैं. 


सी वोटर और इंडिया टुडे ने हाल ही में मूड ऑफ द नेशन नाम का सर्वे किया था. सर्वे में देश भर से 1.39 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था. सर्वे के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनेगी, लेकिन बीजेपी के लिए टेंशन की बात ये है कि इसी सर्वे में लोकसभा की 116 सीटें रखने वाले तीन राज्यों में यूपीए का मैजिक चलता दिख रहा है. ये तीन राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार हैं.


महाराष्ट्र
सबसे पहले बात महाराष्ट्र की, जो लोकसभा सीटों के हिसाब से यूपी के बाद दूसरे नंबर पर आता है. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. ताजा सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में बीजेपी को झटका लगने वाला है. राज्य में लोकसभा चुनाव में यूपीए की सीटें 2019 के मुकाबले 2024 में छह गुना बढ़ने वाली हैं.


2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 41 पर एनडीए ने कब्जा जमाया था. वहीं, यूपीए के खाते में सिर्फ 5 सीटें आई थीं. इसमें एनसीपी को 4 सीट जबकि एक सीट कांग्रेस को मिली थी. यहां, हमें ये ध्यान रखना होगा कि पिछले लोकसभा चुनाव में शिवसेना एनडीए के साथ थी लेकिन 2022 में फूट के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी का एक धड़ा एनडीए के साथ है जबकि उद्धव ठाकरे गुट कांग्रेस के महाविकास आघाडी का हिस्सा है.


राज्य में सत्ता के समीकरण बदलने का असर सीटों पर भी पड़ता दिख रहा है. ताजा सर्वे के अनुसार राज्य में 34 सीटें यूपीए को मिलती दिख रही हैं. इसके साथ ही यूपीए के वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी हुई है. गठबंधन को 48 प्रतिशत वोट मिले हैं.


बिहार 
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. 2019 में एनडीए ने क्लीन स्वीप करते हुए 39 सीटों पर पर कब्जा जमाया था और समूचा विपक्ष महज एक सीट पर सिमट गया था, जो कांग्रेस को मिली थी. बिहार में भी महाराष्ट्र की तरह ही समीकरण बदले हैं. पिछली बार नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा थे जबकि अब वे पाला बदलकर कांग्रेस और आरजेडी वाले महागठबंधन के साथ हैं. इसका असर लोकसभा की सीटों पर भी पड़ा है. सर्वे के अनुसार, यूपीए को पिछली बार की एक सीट के मुकाबले 25 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है. 


कर्नाटक
कर्नाटक भी उन राज्यों में है जहां पर 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने अपना परचम लहराया था. राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें एनडीए के खाते में आई थी. विपक्ष को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं. इसमें कांग्रेस और जेडीएस को एक-एक सीट जबकि एक निर्दलीय को जीत मिली थी.


ताजा सर्वे कर्नाटक में भी यूपीए मैजिक की तरफ इशारा कर रहा है. सर्वे में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 17 सीट मिलती दिखाई गई है, जो पिछली बार से 15 ज्यादा है. कर्नाटक में यूपीए का वोट शेयर भी बढ़कर 43 प्रतिशत हो गया है. तीन राज्यों के आंकड़ों को मिलाएं तो यूपीए के खाते में 76 सीटें जा रही हैं. इतनी बड़ी संख्या में सीटों का जाना पीएम मोदी की टेंशन जरूर बढ़ाएगा. फिलहाल, ये सर्वे के नतीजे हैं, असल नतीजे चुनाव के बाद ही आएंगे.


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