Muslim And BJP: जनवरी 2023 को नई दिल्ली में आयोजित पार्टी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कई मायनों में अलग थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुस्लिमों तक पहुंचने को कहा था. बीजेपी की छवि एक हिंदूवादी पार्टी की रही है. ऐसे में पार्टी के सबसे पॉपुलर नेता की तरफ से इस तरह के संदेश ने सभी का ध्यान खींचा था. पीएम मोदी की अपील के बाद बीजेपी नेताओं ने इस पर काम भी शुरू कर दिया. 


अभी हाल ही में पीएम मोदी मुंबई में दाउदी बोहरा मुसलमानों के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोहरा समुदाय से अपनी चार पीढ़ियों के संबंधों का जिक्र भी किया. इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की दरगाह में चादर चढ़ाने की तस्वीर भी सामने आई थी. बीजेपी के दो नेताओं की ये तस्वीरें बताने के लिए काफी हैं कि बीजेपी ने मुस्लिमों को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है. 


सवाल उठता है कि आखिर हिंदूवादी छवि रखने वाली बीजेपी को मुस्लिम वोटर्स को जोड़ने का प्लान क्यों बनाना पड़ा. इसका जवाब इस सर्वे में छिपा है जो इंडिया टीवी और मैट्रिज ने बीते साल किया था. दिसम्बर 2022 में आए इस सर्वे में बीजेपी और मुसलमानों को लेकर सवाल पूछे गए थे.


मुसलमानों के बीच पीएम मोदी
लोकप्रियता के मामले में पीएम मोदी देश के नेताओं में सबसे टॉप पर हैं. लगभग हर सर्वे इस बात की गवाही देता है, लेकिन मुसलमानों के बीच पीएम मोदी पिछड़ जाते हैं. इंडिया टीवी-मैट्रिज के सर्वे में मुसलमानों से पूछा गया कि वे पीएम मोदी पर कितना भरोसा करते हैं. केवल 8 प्रतिशत मुसलमानों ने ये माना कि वे उन पर भरोसा करते हैं. 76 प्रतिशत ने कहा कि वे भरोसा नहीं करते जबकि 16 प्रतिशत ने कोई भी जवाब देने से इनकार किया.


किसके साथ सबसे ज्यादा मुसलमान?
इसी सर्वे में ये जानने की कोशिश की गई थी कि किस पार्टी के साथ मुसलमान सबसे ज्यादा जुड़े हैं. यहां भी बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए फिसड्डी है. केवल 9 प्रतिशत मुस्लिम एनडीए दलों पर विश्वास करते हैं. मुसलमानों का सबसे ज्यादा भरोसा कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए पर है. 38 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता यूपीए पर भरोसा करते हैं. 


दूसरे नंबर पर क्षेत्रीय पार्टियां हैं. सर्वे में 31 प्रतिशत मुसलमानों ने क्षेत्रीय दलों पर भरोसा जाहिर की. असदुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इस मामले में काफी बेहतर स्थिति में है. 16 प्रतिशत मतदाता एआईएमआईएम पर भरोसा करते हैं. 


पसमांदा मुस्लिम पीएम मोदी के साथ?
हमने ऊपर बताया है कि पीएम मोदी ने मुसलमानों के जिस वर्ग तक पहुंचने की अपील की है वो पसमांदा तबका है. फिलहाल देखें तो अन्य मुसलमानों की तुलना में  यह तबका पीएम मोदी पर ज्यादा भरोसा करता है. सर्वे के मुताबिक 22 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान पीएम मोदी के साथ हैं. 64 प्रतिशत ने साथ होने से इनकार किया है, जबकि 14 प्रतिशत अभी मन नहीं बना पाए हैं. जाहिर है बीजेपी की नजर सबसे पहले इन्हीं 14 प्रतिशत पर होगी.


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