Lok Sabha Exit Poll 2024: सातवें चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल के आकंड़े सामने आ गए हैं. इन आकंड़ों के हिसाब से प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बन सकते हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी बड़ी जीत हासिल करती हुई नजर आ रही है.
इंडिया गठबंधन को उत्तर प्रदेश में कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. हालांकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत इस बार बढ़ा है. जिस पर बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने निशाना साधा है.
कांग्रेस और पर साधा निशाना
इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'देखिये सपा कह रही है कि उन्होंने को मुद्दे उठाए उस पर ये अड़े रहे. वो अड़े नहीं रहे, इनकी कई रैलियों में इनके कई कार्यकर्ता खंबो पर और टेंट के ऊपर चढ़े रहें और इतना ही नहीं रहा, तिरपाल वगैरह फाड़ कर उस पर अड़े रहे. अब ये हो रहा हैं कि उनकी पर्ची फाड़ने की नौबत आ गई है. ये कह रहे हैं कि इन्होने मुद्दे की बात उठाई है तो मैं कहना चाहता हूं कि वोट जिहाद का मुद्दा किसने उठाया था.'
उन्होंने आगे कहा,'उत्तर प्रदेश और पूरे उत्तर भारत में एक कहावत हैं कि खुला खेल फर्रुखाबादी, फर्रुखाबाद के उम्मीदवार ने वोट जिहाद का मुद्दा उठाया है. वहीं उनके साथ ही खुला खेल फर्रुखाबादी हो गया.
वोट प्रतिशत को लेकर भी बोला हमला
वोट प्रतिशत को लेकर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'अगर सपा को 11 सीट मिलती हुई दिखाई दे रही हैं तो कांग्रेस उनके लिए लायबिलिटी नहीं बल्कि एसेट रही है. अगर सपा का वोट बैंक एमवाई है तो एम के पार्ट पर कांग्रेस एक एसेट है. वाई के पार्ट पर लायबिलिटी है. इस वजह से थोड़ा बहुत गम तो सहना ही पड़ता है और अगर एम फैक्टर नहीं होता तो ये जुड़ते ना. मध्य प्रदेश में ये दोनों पार्टी एक-दूसरे पर हमला बोल रही थी और अब इसी एम फैक्टर की वजह से ये उत्तर प्रदेश में साथ में आएं हैं.'
उन्होंने आगे कहा, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चार प्रतिशत वोट का मतलब भी हमें समझना होगा. अगर किसी राज्य में किसी पार्टी का 6 % प्रतिशत वोट होता है तब ही उसकी रिकग्निशन मानी जाती है. वहीं, राष्ट्रीय दल होने के लिए होता है कम से कम चार राज्यों में आप के 6 प्रतिशत से अधिक वोट हो. वहीं, अगर कोई उम्मीदवार लड़ता है और वोट प्रतिशत 6 से कम होता है तो उसकी जमानत जब्त मानी जाती है. तो अगर उत्तर प्रदेश को लोकसभा क्षेत्र के रूप में देखा जाए तो सपा के साथ मिलने के बाद भी उनकी जमानत जब्त है. ये कांग्रेस के लिए बहुत गंभीर बात है.'
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