Lok Sabha Election: 2014 और 2019 में इन वोटर्स ने बीजेपी के पक्ष में किया था खेल, कांग्रेस हो गई थी फेल, सर्वे ने खोला राज
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2009 और 2019 में कांग्रेस को लगभग बराबर ही वोट मिले थे लेकिन उसकी सीटें 150 से ज्यादा कम हो गई थीं. आंकड़े बता रहे हैं ये कैसे हुआ.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में करीब एक साल का समय रह गया है. पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी लगातार तीसरी सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. पिछले दो चुनाव से बीजेपी नीत एनडीए सत्ता में है. दोनों बार बीजेपी ने अकेले दम पर भी बहुमत हासिल किया था. ये वही बीजेपी है जो 2009-14 तक सर्वे में भी 200 का आंकड़ा नहीं छू पाती थी. 2009 के बाद बीजेपी कैसे लगातार ऊपर आती गई आइए समझते हैं.
बीजेपी के उभार को समझने से पहले एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखते हैं. तब कांग्रेस 206 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और उसके नेतृत्व में यूपीए ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी. चुनाव में कांग्रेस को 11.9 करोड़ वोट मिले थे जबकि बीजेपी को मिले वोटों का आंकड़ा 7.8 करोड़ था.
5 साल में बीजेपी ने पलटा पासा
2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा था. इस बार बीजेपी का वोट बढ़कर 17.1 करोड़ पहुंच गया. 282 सीटों के साथ बीजेपी अकेले दम पर बहुमत पाने वाली पार्टी बनी. कई चुनावों के बाद ऐसा हुआ था. वहीं, कांग्रेस सिमटकर 44 सीटों पर पहुंच गई.
खास बात ये रही कि बीजेपी का जितना वोट बढ़ा था, कांग्रेस का उतना कम नहीं हुआ था. कांग्रेस को 2014 में 10.6 करोड़ वोट मिले. यानी पांच साल में बीजेपी का वोट तो 10 प्रतिशत 9 फीसदी से ज्यादा बढ़ा जबकि कांग्रेस के वोट प्रतिशत में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट आई.
2019 में फिर बढ़ा बीजेपी का वोट
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने एक बार फिर ऊपर छलांग लगाई और उसके वोटर बढ़कर 22.9 करोड़ हो गए. 2009 से तुलना करें, तो 2019 में बीजेपी को 14.1 करोड़ ज्यादा वोट मिले थे. कांग्रेस के आंकड़े देखें तो एक बार फिर उसका वोट 11.9 करोड़ पहुंच गया.
सीटों की संख्या देखें तो बीजेपी को 303 वोट मिले जबकि कांग्रेस 44 के नंबर से थोड़ा आगे बढ़कर 52 पर अटक गई. ध्यान देने वाली बात है कि 2019 में कांग्रेस को 2009 के बराबर ही वोट मिले थे लेकिन उसकी सीटें 150 से ज्यादा कम रही.
कैसे किया बीजेपी ने खेल
बीजेपी की इस उछाल के पीछे उसके वोट शेयर में बढ़ोतरी है. 2009 के कुल वोट का 18.8 प्रतिशत बीजेपी को मिला था. कांग्रेस को 28.55 प्रतिशत वोट मिले थे.2014 में बीजेपी का वोट शेयर 13 फीसदी उछाल के साथ 31.34 प्रतिशत पर पहुंच गया जबकि कांग्रेस का लुढ़कर 19,52 प्रतिशत पर आ गया. 2019 में बीजेपी अपने वोट शेयर को 37.76 फीसदी पर ले गई जबकि कांग्रेस 19.70 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ पाई.
अन्य दलों का वोट बीजेपी को ट्रांसफर
2009 और 2019 में कांग्रेस का वोट बराबर बना रहा, इसलिए ये साफ समझ में आता है कि बीजेपी को अन्य दलों का वोट ट्रांसफर हुआ. इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी का वोट शेयर बढ़ता गया जबकि कांग्रेस के वोटर उसके साथ होते हुए भी वोट शेयर में पार्टी फिसड्डी बन गई. अगर इस बार भी कांग्रेस को मैदान फतह करना है तो वोट शेयर बढ़ाने पर ध्यान देना होगा.
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