Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के चौंकाने वाले नतीजे सामने आ चुके हैं. एनडीए ने 293 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन विपक्षी दलों का इंडिया अलायंस भी 234 सीटों के साथ मजबूत स्थिति में आया है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'अबकी बार 400 पार' का नारा बेअसर साबित हुआ और देश में एक बार फिर गठबंधन बन सकती है.
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार को शिकस्त देने के लिए पिछले साल जुलाई में 2 दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने महागठबंधन किया था. इस गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव एलायंस’ रखा गया था. बीजेपी को लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए इस गठबंधन की सफलता दलों के बीच एकजुटता और सीट बंटवारे से जुड़े समझौते पर टिकी थी. हुआ भी ऐसा ही सभी दलों ने हर राज्य में सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ा था. जहां चौंकाने वाले परिणाम सामने आए.
240 सीटों पर जीत के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी
वहीं, तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार का बनना लगभग तय हो चुका है. जहां लोकसभा चुनाव में 240 सीट के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं, एनडीए के खाते में गईं कुल 293 सीट गई हैं.
कांग्रेस को 2024 के चुनाव में मिली संजीवनी
इस दौरान इंडिया अलायंस को 234 सीट मिलीं हैं, जिसमें से लगातार दो चुनाव हारने के बाद अस्तित्व बचाने की चुनौती से जूझ रही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने 2024 के आम चुनावों में अच्छी सफलता हासिल की है. पार्टी की सीटों की संख्या 52 से बढ़कर अब 99 हो गई है. इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा, भारत जोड़ों न्याय यात्रा ने का विशेष योगदान है. इन सभी चीजों ने कांग्रेस को फायदा पहुंचाया.
साइकिल का दबदबा अभी भी बरकरार
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने लगाया. अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा ने उत्तर प्रदेश में नए राजनीतिक गठबंधनों को एक साथ जोड़ा है. जिसमें अखिलेश यादव ने 37 लोकसभा सीटें लाकर ये साफ कर दिया कि यूपी में साइकिल का दबदबा अभी भी बरकरार है.
पश्चिम बंगाल में TMC में कर दिया बड़ा खेला
इस बीच पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी बड़ी ताकतवर बनकर उभरी है. जहां तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में 29 सीटों के साथ टीएमसी चौथे नंबर पर रही है, जो साल 2019 की 22 सीट की तुलना में ज्यादा है. ममता ने अकेले चुनाव लड़कर अपनी सियासी जमीन बचाए रखी है.
नीतीश कुमार कैसे बन गए 'किंग मेकर'
बिहार के नतीजों में एक और बड़ी बात रही नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) का बेहतरीन प्रदर्शन. जहां जनता दल (यू) ने 12 सीटें जीती हैं. हालांकि, बीजेपी ने भी 12 सीटें जीतीं, लेकिन बीजेपी ने 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि जनता दल (यू) ने 16 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था. फिर भी एनडीए 40 सीटों में से 30 सीटें जीतने में सफल रहा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू आलू की तरह हैं जो किसी भी सब्जी में मिक्स हो जाते हैं और पसंद भी किए जाते हैं. नौ बार के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर चुनावी लड़ाई लड़ने और सही मौके पर सही सहयोगी खोजने में अपना बेजोड़ कौशल दिखाया है. समय के साथ राज्य में उनकी विश्वसनीयता बढ़ी है, भले ही राजनीतिक विरोधी उन्हें 'पलटू चाचा' कहकर बदनाम करते रहे हों. नीतीश और उनकी पार्टी के लोग आने वाले दिनों में किंगमेकर की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. जहां उनके हिस्से में 12 लोकसभा सीटें आई हैं.
आंध्र प्रदेश में TDP का रहा अच्छा प्रदर्शन
आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू 70 साल के वो नेता हैं, जिन्होंने दिखाया है कि एक चतुर राजनेता को इतनी आसानी से खारिज नहीं किया जा सकता. उनका राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा है. हालांकि, वे एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं. जहां नायडू ने विधानसभा चुनावों में 135 सीटें लाकर कमबैक किया है. इसके साथ ही वो राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में भी आ गए हैं. जहां नायडू की तेलुगु देशम पार्टी को लोकसभा चुनाव में 16 सीटें मिली. जिसे नायडू को किंगमेकर की हैसियत पर लाकर खड़ा कर दिया है.
महाराष्ट्र की लड़ाई में I.N.D.I.A की जीत
लोक सभा चुनाव के नतीजों में महाराष्ट्र की 48 सीटों से आंकड़े आ गए हैं. चुनाव आयोग की जानकारी के हिसाब से एनडीए ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं इंडिया गठबंधन ने 30 सीटें अपने नाम की हैं. जबकि एक सीट अन्य उम्मीदवार ने हासिल की. जिसमें कांग्रेस महाराष्ट्र में 13 लोकसभा सीटें लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं, शरद पवार की एनसीपी को 8 सीटें मिली. जबकि, उद्धव ठाकरे गुट को 8 सीटें मिली. वही, बीजेपी को 9 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा और अजित पवार एनसीपी को महज 1 सीट मिली. जबकि, शिंदे गुट को 7 सीटे मिली.