Lok Sabha Election Results: लोकसभा चुनाव के नतीजों ने अगर किसी को सबसे बड़ा झटका दिया है तो वह बीजेपी ही है. इसकी वजह ये है कि पार्टी को देश के कुछ राज्यों से उम्मीद थी कि वहां उसे बंपर सीटों पर जीत मिलेगी. हालांकि, जब 4 जून को नतीजों का ऐलान हुआ तो उसने सबको हैरान करके रख दिया. बीजेपी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों में आधे या फिर उससे ज्यादा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. 


हिंदी पट्टी के राज्यों से मिले झटके ने ही सिर्फ बीजेपी को सदमे में नहीं पहुंचाया है, बल्कि कुछ ऐसे भी राज्य हैं, जहां जीत को लेकर बीजेपी काफी ज्यादा आश्वस्त थी. ऐसे राज्यों में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इन राज्यों में बीजेपी को इंडिया गठबंधन से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा. ऐसे में आइए उन राज्यों के बारे में जानते हैं, जहां बीजेपी को उम्मीद जीत की थी, मगर उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. 



  • उत्तर प्रदेश: बीजेपी को सबसे बड़ा झटका यूपी में लगा है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को यहां पर 64 सीटों पर जीत मिली थी. इसमें से 62 सीटें बीजेपी के खाते में आई थीं. इस बार एनडीए को यहां 36 सीटें हासिल हुई हैं, जिसमें से 33 सिर्फ बीजेपी को मिली हैं. एक तरह से यूपी में बीजेपी की सीटें आधी हो गई हैं. 

  • राजस्थान: हिंदी हार्टलैंड का दूसरा सबसे प्रमुख राज्य राजस्थान है, जहां पिछली बार एनडीए ने सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को 24 सीटें मिली थीं, जबकि एक सीट आरएलपी के खाते में गई थी. हालांकि, इस बार हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां पर 14 सीटों पर जीत मिली है. उधर इंडिया गठबंधन के हिस्से में 11 सीटें गई हैं. 

  • हरियाणा: दिल्ली से सटे इस राज्य में पिछले 10 साल में बीजेपी काफी ज्यादा मजबूत हुई. इसका जीता जागता सबूत ये है कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां सभी 10 सीटों पर जीत मिली थी. मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ है. बीजेपी को हरियाणा में बड़ा झटका लगा है, क्योंकि पार्टी की सीटें घटकर आधी हो गई हैं. बीजेपी को यहां 5 सीटें मिली हैं. 

  • महाराष्ट्र: 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी दो टुकड़ों में बंट गईं. शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद गुट) इंडिया गठबंधन के साथ था तो वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) एनडीए के साथ खड़ा था. बीजेपी को पिछली बार 23 सीटें मिली थीं, मगर इस बार यहां बदले राजनीतिक हालात के चलते उसे 11 सीटें ही हासिल हुई हैं. 

  • पश्चिम बंगाल: जहां उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन का हौसला बढ़ाया रखा. वैसे ही बंगाल में टीएमसी भी कर रही थी. इसका नतीजा ये हुआ कि 2019 में बंगाल में 18 सीटें जीतने वाली बीजेपी को 12 सीटों से संतोष करना पड़ा. वहीं 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में टीएमसी को 29 सीटों पर जीत मिली है. 


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