नई दिल्ली: 2014 लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ सत्ता के शिखर पहुंची नरेंद्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में पहुंच चुकी है. यानि मोदी सरकार के चार साल पूरे होने जा रहे हैं और इसके साथ ही 2019 के लिए उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है. गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में चल रहे घटनाक्रम पर ध्यान दें तो स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि इस वक्त देश की जनता सियासी संग्राम की साक्षी बनी हुई है. पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम साझा विपक्ष हो रहा है. कर्नाटक के नये किंग कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह की तस्वीर 2019 की इसी रूप में खाका खींच रही थी. कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक तलवारें खिंची हुई हैं. दोनों दलों के धुरंधर अपने तरकश से हर वो तीर छोड़ रहे हैं जिससे विपक्षी धड़े को चित किया जा सके. भारतीय राजनीति की दिशा तय करने वाली ताकतवर ईकाई 'जनता' क्या सोच रही है? इसकी नब्ज को टटोलने के लिए एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने सर्वे किया है.

एक तरफ जहां मोदी सरकार ये दावा कर रही है कि 2019 में एक बार फिर वह सरकार बनाएगी तो वहीं कल कर्नाटक से आई तस्वीर विपक्षी राजनीति की एक अलग कहानी कर रही है. हालांकि मौजूदा वक्त में मोदी सरकार और विपक्ष दोनों के सामने चुनौतियां कम नहीं है. साझा विपक्ष का नेता है तो वहीं केंद्र सरकार पर रोजगार और बढ़ते तेल की कीमतों को लेकर निशाने पर हैं.

एनडीए बना सकती है सरकार, लेकिन कांग्रेस की भारी बढ़ोत्तरी
सर्वे के मुताबिक सीटों की बात करें तो 543 लोकसभा सीट पर आज चुनाव हों तो एनडीए को 274, यूपीए को 164 और अन्य को 105 सीटें मिलने का अनुमान है. 2014 के मुकाबले एनडीए की 49 सीटें घट रही हैं तो वहीं यूपीए को 104 सीट का फायदा होता नजर आ रहा है. अन्य दलों की बात करें तो 48 सीटों का नुकसान हो रहा है. सर्वे के मायने की बात करें तो 2019 में एक बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे. बीजेपी अकेले दम पर बहुमत नहीं ला पाएगी उसे सहयोगियों की जरूरत पड़ेगी.

एबीपी न्यूज़ के सर्वे में वोट शेयर की बात करें तो एनडीए के हिस्से 37%, यूपीए के हिस्से 31% और अन्य के हिस्से 32% वोट शेयर जाता नजर आ रहे है. 2014 की बात करें तो एनडीए को 36%, यूपीए को 25% और अन्य को 39% वोट मिला था. सर्वे के मुताबिक 2014 के मुकाबले एनडीए को एक प्रतिशत वोट शेयर का फायदा हो रहा है. वहीं यूपीए को 6% वोट शेयर का फायदा होने का अनुमान है.

पीएम मोदी की लोकप्रियता
मई 2014- 36 %
मई 2017- 44 %
जनवरी 2018- 37 %
अभी- 34 %

मतलब पीएम मोदी की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है.

कांग्रेस राहुल की लोकप्रियता

मई 2014- 16 %
मई 2017- 09 %
जनवरी 2018- 20 %
अभी- 24 %
जहां पीएम मोदी की लोकप्रियता घटी है वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.

बुआ-भतीजे की जोड़ी यूपी में बिगाड़ देगी बीजेपी का खेल- सर्वे

एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं तो यूपी में सपा-बसपा गठबंधन बीजेपी को तगड़ा झटका दे सकती है. सर्वे में सपा-बसपा गठबंधन को 46 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है, वहीं बीजेपी आठ फीसदी नुकसान के साथ 35 फीसदी वोट शेयर पर सिमट सकती है. कांग्रेस को सर्वे में फायदा होता नजर आ रहा है, 4 फीसदी के फायदे के साथ कांग्रेस का वोट शेयर 12 फीसदी हो सकता है. सर्वे के आंकड़ों तो पार्टी के क्रम में समझें तो अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो सपा को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. सपा का वोट शेयर 27 फीसदी, बसपा का 19 फीसदी , बीजेपी का वोट शेयर 35 फीसदी और कांग्रेस 12 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है. पूरी डिटेल यहां पढ़ें

नीतीश की एंट्री से बीजेपी की बेहतरीन वापसी-सर्वे
एबीपी न्यूज़ ने CSDS-लोकनीति के साथ मिलकर बिहार की जनता का मूड जानने की कोशिश की है. अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो बीजेपी गठबंधन को साल 2014 के मुकाबले जबरदस्त फायदा होगा. एनडीए को 60 फीसदी वोटशेयर और कांग्रेस गठबंधन यूपीए को 34 फीसदी वोट शेयर मिल सकते हैं. अगर इन शेयर को पार्टी के क्रम में समझें तो बीजेपी को 41 फीसदी वोट शेयर, जेडीयू को 14 और एलजेपी को 5 फीसदी वोट शेयर मिल सकते हैं. वहीं कांग्रेस को 14 फीसदी और लालू यादव की पार्टी आरजेडी को 15 फीसदी वोट शेयर मिलेंगे.

पश्चिम बंगाल में आज चुनाव हुए तो क्या होगा
अगर पश्चिम बंगाल में मई 2018 यानी अभी चुनाव होते हैं तो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 44 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जो 2014 के लोकसभा चुनाव में 39 फीसदी था. वहीं बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 24 फीसदी हो सकता है जो कि साल 2014 में 17 फीसदी रहा था. लेफ्ट के वोट शेयर की बात करें तो इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है और ये घटकर 17 फीसदी रह सकता है जो कि साल 2014 में 30 फीसदी रहा था. कांग्रेस का वोट शेयर मामूली बढ़कर 11 फीसदी हो सकता है जो साल 2014 में 10 फीसदी रहा था और अन्य का वोट शेयर 4 फीसदी ही रह सकता है जो 2014 में भी 4 फीसदी रहा था.

पश्चिम बंगाल में इस समय तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ है जो हाल में हुए पंचायत चुनाव में साफ नजर आया. हालांकि बीजेपी के लिए भी समर्थन बढ़ रहा है और इसका संकेत पंचायत चुनावों में देखने को मिला.

2019 में बदलेगा समीकरण

बदलते समय के साथ महाराष्ट्र में एनडीए का समीकरण भी बदला है. गाहे बगाहे कई बार शिवसेना ने एनडीए से अलग होने की बात कही है. इसका असर 2019 लोकसभा पर भी पड़ता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक एनडीए को 3 प्रतिशत वोट शेयर का घाटा दिख रहा है लेकिन बीजेपी फायदे में है. दूसरी तरफ यूपीए को 5 प्रतिशत का फायदा होता दिख रहा है. बीजेपी को 2019 में 29 प्रतिशत जबकि शिवसेना को 19 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं. सर्वे के मुताबिक शिवसेना(19) को छह प्रतिशत का घाटा होता दिख रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस तीन प्रतिशत वोट शेयर के साथ 22 प्रतिशत वोट पर कब्जा करती दिख रही है तो वहीं एनसीपी 2 प्रतिशत फायदे के साथ 18 प्रतिशत वोट शेयर लेती दिख रही है. अन्य को दो प्रतिश का घाटा होता दिख रहा है.

गुजरात में आज चुनाव हुए तो क्या होगा
अगर गुजरात में आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी के वोट शेयर में मामूली गिरावट देखने को मिल रही है. वहां अभी चुनाव होने की सूरत में बीजेपी को 54 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जबकि साल 2014 में पार्टी का वोट शेयर 59 फीसदी था. इस तरह अभी भी बीजेपी 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर हासिल करती दिख रही है. गुजरात में कांग्रेस के वोट शेयर में अच्छी बढ़त देखने को मिल रहा है और ये 44 फीसदी पर पहुंचता दिख रहा है जो साल 2014 में 33 फीसदी था. इसके अलावा अन्य के वोट शेयर में कमी आती दिख रही है और ये 4 फीसदी पर सिमटता दिख रहा है जो कि साल 2014 में 8 फीसदी पर था.

पूर्वी भारत में पीएम मोदी का जादू बरकरार
पूर्वी भारत के राज्यों की बात करें तो इसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड और असम आते हैं. पूर्वी भारत की 142 सीटों में एनडीए के हिस्से में 86 से 94 सीटें, यूपीए के खाते में 22 से 26 और अन्य के खाते में 26 से 30 सीटें जाती नजर आ रहीं हैं. 2014 की बात करें एनडीए को 58, यूपीए को 21 और अन्य के खाते में 63 सीटें गई थीं. अन्य में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी शामिल है. 2014 के मुकाबले एनडीए को 32 सीटों का फायदा होता नजर आ रहा है. इन नतीजों के मायने समझें तो नीतीश के साथ आने से बीजेपी को फायदा और लालू यादव के जेल जाने से आरजेडी को नुकसान होता नजर आ रहा है.  डिटेल यहां पढ़ें

उत्तर भारत में एनडीए को भारी नुकसान
उत्तर भारत की 151 सीटों की बात करें तो अभी चुनाव हों तो एनडीए को भारी नुकसान होने की आशंका है. एनडीए को 86 से 94 सीटें मिल सकती हैं जबकि 2014 में उत्तर भारत में एनडीए को 134 सीटें मिली थीं. अगर अभी चुनाव हों तो यूपीए को 23 से 27 सीटें मिल सकती हैं जबकि साल 2014 के चुनावों में यूपीए को सिर्फ 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यानी इस लिहाज से देखा जाए तो यूपीए को भारी फायदा होता हुआ दिख रहा है. 2018 मई यानी अभी चुनाव हों तो और अन्य को 33 से 39 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि साल 2014 के चुनावों में अन्य को 9 सीटें मिली थीं. इन अन्य में समाजवादी पार्टी की सीटों की संख्या अच्छी खासी बढ़ने का अनुमान है.

उत्तर भारत में विपक्ष के एकजुट होने के असर एनडीए के प्रदर्शन पर साफ नजर आ रहा है. उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्य आते हैं और विपक्षी पार्टियों की एकता का असर ये देखा जा रहा है कि यूपीए की सीटों में भी अच्छा खासा इजाफा देखा जा रहा है और अन्य की सीटें भी बढ़ रही हैं.

दक्षिण भारत में एनडीए को झटका
एबीपी न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत के छह राज्यों की 132 लोकसभा सीटों पर एनडीए को बड़ा झकटा लगता नजर आ रहा है. दक्षिण की 132 सीटों पर अगर अभी चुनाव हों तो एनडीए के हिस्से 18 से 22, यूपीए के हिस्से 65 से 75 और अन्य के हिस्से 38 से 44 सीट जाने का अनुमान है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को 23, यूपीए को 21 और अन्य को 88 सीट मिलीं थीं.

मध्य और पश्चिम भारत में क्या कहता है सर्वे

एबीपी न्यूज लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे के मुताबिक पश्चिम और मध्य भारत में बीजेपी गठबंधन को 48 फीसदी वोट शेयर मिल रहे हैं. वहीं कांग्रेस बढ़त बनाते हुए 43 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है. अन्य के खाते में नौ फीसदी वोट शेयर जाते नजर आ रहे हैं.

कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की है. देश के इस हिस्से में कांग्रेस 43 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है. पिछले साल मई के मुकाबले कांग्रेस को यहां 11 फीसदी का फायदा हो रहा है. यानी कांग्रेस बीजेपी और अन्य के वोट शेयर में सेंध लगा रही है. मई 2017 के सर्वे में कांग्रेस का वोट शेयर 32 फीसदी था जो आज चुनाव हुए तो 43 फीसदी होगा. वहीं, मई 2017 में हुए सर्वे को देखें तो बीजेपी आठ फीसदी वोट शेयर खो रही है. पिछले साल इसी महीने हुए सर्वे में बीजेपी को 56 फीसदी वोट शेयर मिल रहे थे लेकिन अब नुकसान के साथ बीजेपी 48 फीसदी पर लुढ़क गई है. अन्य को इस क्षेत्र में तीन फीसदी का नुकसान हो रहा है. मई 2017 के सर्वे में अन्य को 12 फीसदी वोट शेयर मिल रहे थे.

खास बात ये है कि इस हिस्से में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्य हैं जहां बीजेपी की सरकार है. इस साल इस क्षेत्र के दो राज्यों- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं.
कैसे हुआ सर्वे?
मोदी सरकार के चार साल होने पर एबीपी न्यूज ने CSDS-लोकनीति के साथ देश का मूड जानने की कोशिश की है, ये सर्वे 28 अप्रैल 2018 से 17 मई 2018 के बीच किया गया है. 19 राज्यों में 700 जगहों की 175 लोकसभा सीटों पर जाकर 15859 लोगों की राय ली गयी है.

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