Mood Of The Nation Poll: क्या सच में टूट रहा है मोदी और अमित शाह का सबसे बड़ा तिलिस्म? जानें ताजा सर्वे कैसे बढ़ा रहा बीजेपी की टेंशन
Election Survey: लोकसभा चुनाव को लेकर एक ताजा सर्वे के आंकड़े बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाले हैं. आंकड़ों से जानिए कैसे नरेंद्र मोदी और अमित शाह का सबसे बड़ा तिलिस्म टूट रहा है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हाल ही में सी वोटर का एक सर्वे सामने आया है. सर्वे के आंकड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाले हैं क्योंकि इसमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह का सबसे बड़ा तिलिस्म कमजोर होता नजर आ रहा है.
सर्वे में बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाले मुद्दों को समझने से पहले इसके मुख्य निष्कर्षों को जान लेते हैं. सर्वे के मुताबिक 52 फीसदी वोटों के साथ पीएम मोदी अगले लोकसभा चुनाव के लिए टॉप पसंद बने हुए हैं. पीएम मोदी के अलावा दूसरे नामों की बात करें तो अमित शाह 26 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (25 प्रतिशत) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (16 प्रतिशत) को भी जनता की पसंद में शामिल हैं.
देशभर में भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई कर चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 14 प्रतिशत लोगों ने अगले पीएम के रूप में पसंद किया है.
बीजेपी को 284 सीटें
सर्वे में बीजेपी को 284 सीटें मिलती दिखाई गई हैं, वहीं सहयोगियों को 14 सीटें दी गई हैं. इस तरह एनडीए की सीटें 298 पहुंच रही हैं. एनडीए का वोट शेयर 43 प्रतिशत है, जो कि छह महीने पहले अगस्त 2022 में किए गए सर्वे के 41 से 2 प्रतिशत ज्यादा है.
सीटों के आंकड़े देखें तो एनडीए को बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है. 2019 में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने 353 सीटें जीती थीं. एनडीए की सीटों में गिरावट बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाली है.
साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की सीटें पिछले चुनाव में 91 के दो अंकों के आंकड़े से तीन अंकों में पहुंच गई है. यूपीए को 153 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. यूपीए को 30 फीसदी वोट मिलते दिखाए गए हैं.
हार्डकोर वोटर चिंता का कारण
ये वो जो आंकड़ें हैं जो लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में जुटी बीजेपी को चिंतित कर सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता उसके सबसे बड़े तिलिस्म के दरकने को लेकर होगी.
सर्वे में अनुच्छेद 370 और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर भी सवाल किया गया. इन दोनों मुद्दों पर क्रमशः 14 और 12 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार का समर्थन किया. यानी पीएम मोदी को पसंद करने वाले 52 फीसदी लोगों में हिंदुत्व के मुद्दे पर बस इतना ही समर्थन हासिल है. ये बीजेपी के लिए सबसे बड़ी टेंशन है.
बदला मूड तो बिगड़ जाएगा खेल
आंकड़ों को देखा जाए तो बीजेपी के हार्डकोर वोटर और राहुल गांधी को पसंद करने वाला वोटर लगभग बराबर है. राहुल गांधी को भी 14 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है. इसका सीधा मतलब है कि विचारधारा से परे बीजेपी के पास बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता हैं, जो दूसरी तरफ जा सकते हैं.
इस वर्ग ने दो बार पीएम मोदी को वोट किया है. इस बार भी वह नाराज नहीं है, लेकिन दो बार सत्ता में देखने के बाद वह तीसरी बार परिवर्तन के मूड में आ सकता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, यहां अब गेंद विपक्ष के पाले में जाती है. अगर वह इस वोटर को अपनी तरफ खीचने में कामयाब होती है तो बीजेपी के लिए 2024 में मुश्किल होगी. लोकसभा चुनाव में करीब 400 दिन का समय बचा है. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां हार्डकोर वोटर्स के अलावा बड़ी संख्या में फैले इस वोटर को ही साधने की कोशिश करेंगे.
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