नई दिल्ली:  26 मई को मोदी सरकार चार साल पूरे कर रहे है, अगले साल पीएम मोदी को एक बार अपने काम और उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाना होगा. पिछले चार साल में सरकार के कई कदम और योजनाओं ने जमकर तारीफ बटोरी तो कई कदम आलोचनाओं से घिरे रहे. 2019 से पहले का ये साल मोदी सरकार के लिए सेमीफाइनल माना जा रहा है. विपक्ष एकजुट होकर मोदी सरकार को घेरने की योजना बना रहा है, वहीं बीजेपी को भरोसा है कि एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करेगी.


इस मौके पर एबीपी न्यूज़ ने देश का मूड जानने की कोशिश की है. जनता की नब्ज टटोलने के लिए एबीपी न्यूज़ ने सबसे बड़ा सर्वे किया है. सर्वे के मुताबिक अगर लोकसभा चुनाव के लिए वोट पड़े तों नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकते है. देश की 543 में से एनडीए के हिस्से एनडीए को 274, यूपीए को 164 और अन्य को 105 सीटें मिलने का अनुमान है. सर्वे के मुताबिक बीजेपी अकेले बहुमत नहीं ला पाएगी. यूपीए को 104 सीट का फायाद होने का अनुमान है. सर्वे के मुताबिक यूपीए को 104 सीट मिल सकती हैं.



जानें, कैसा है देश का मूड ?



  • सर्वे के मुताबिक सीटों की बात करें तो 543 लोकसभा सीट पर आज चुनाव हों तो एनडीए को 274, यूपीए को 164 और अन्य को 105 सीटें मिलने का अनुमान है. 2014 के मुकाबले एनडीए की 49 सीटें घट रही हैं तो वहीं यूपीए को 104 सीट का फायदा होता नजर आ रहा है. अन्य दलों की बात करें तो 48 सीटों का नुकसान हो रहा है. सर्वे के मायने की बात करें तो 2019 में एक बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे. बीजेपी अकेले दम पर बहुमत नहीं ला पाएगी उसे सहयोगियों की जरूरत पड़ेगी.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे में देश की सभी 543 लोकसभा सीटों की बात करें तो एनडीए की सरकार को बनती नजर आ रही है लेकिन 2014 के मुकाबले प्रदरेशन बहुमत घटा है. वोट शेयर की बात करें तो एनडीए के हिस्से 37%, यूपीए के हिस्से 31% और अन्य के हिस्से 32% वोट शेयर जाता नजर आ रहे है. 2014 की बात करें तो एनडीए को 36%, यूपीए को 25% और अन्य को 39% वोट मिला था. सर्वे के मुताबिक 2014 के मुकाबले एनडीए को एक प्रतिशत वोट शेयर का फायदा हो रहा है. वहीं यूपीए को 6% वोट शेयर का फायदा होने का अनुमान है.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत के छह राज्यों की 132 लोकसभा सीटों पर एनडीए को बड़ा झकटा लगता नजर आ रहा है. दक्षिण की 132 सीटों पर अगर अभी चुनाव हों तो एनडीए के हिस्से 18 से 22, यूपीए के हिस्से 65 से 75 और अन्य के हिस्से 38 से 44 सीट जाने का अनुमान है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को 23, यूपीए को 21 और अन्य को 88 सीट मिलीं थीं.

  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता की बात करें तो अभी राहुल गांधी 24% लोगों की पसंद हैं. मई 2014 में ये आंकड़ा 16% था, एक साल बाद मई 2017 में राहुल गांधी की लोकप्रियता में गिरावट आई और आंकड़ा 09% प्रतिशत पर पहुंच गया. जनवरी 2018 में राहल गांधी 20% लोगों की पसंद थे. प्रधानमंत्री मोदी के उलट राहुल गांधी लोकप्रियता पिछले चाल साल में उच्चतम स्तर पर है. प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी की लोकप्रियता में सिर्फ 10% का अंतर है.

  • एबीपी न्यूज़ ने सबसे बड़े सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को लेकर भी सवाल पूछा. मई 2014 में प्रधानमंत्री 36% लोगों की पसंद थे. एक साल बाद मई 2017 में लोकप्रियता में उछाल आया और आंकड़ा 44% पर पहुंच गया. जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री 37% लोगों की पसंद थे. ताजा आंकड़ों की बात करें तो तीन प्रतिशत की गिरावट के साथ प्रधानमंत्री 34% लोगों की पसंद बने हुए हैं. सर्वे के मुताबिक पिछले चार साल में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता निम्नतम स्तर पर हैं.

  • उत्तर भारत की 151 सीटों की बात करें तो अभी चुनाव हों तो एनडीए को भारी नुकसान होने का आशंका है. एनडीए को 86 से 94, यूपीए को 23 से 27 और अन्य को 33 से 39 सीटें मिलने का अनुमान है. 2014 में उत्तर भारत में एनडीए को 134, यूपीए को 8 और अन्य 9 सीटें मिली थीं. उत्तर भारत में विपक्ष के एकजुट होने के असर एनडीए के प्रदर्शन पर साफ नजर आ रहा है. उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, राजसअथान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्य आते हैं.

  • सर्वे के मुताबिक राजस्थान में अगर अभी लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो तो एनडीए के खाते में 45%, यूपीए के खाते में 42% और अन्य के हिस्से 13% वोट शेयर जाने का अनुमान है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को 55%, यूपीए को 30% और अन्य को 15% वोट शेयर मिला था. राजस्थान में 2014 के मुकाबले एनडीए को 10% वोट शेयर का नुकसान हो रहा है वहीं यूपीए को 12% वोट शेयर का फायदा होता नजर आ रहा है.

  • सर्वे के मुताबिक देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में एनडीए को आठ फीसदी वोट शेयर का नुकसान होता नजर आ रहा है. एनडीए को 35%, यूपीए को 12%, अन्य के हिस्से 53% वोट शेयर मिलने का अनुमान है. अन्य में एसपी, बीएसपी जैसी पार्टियां हैं. 40 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए 43% वोट शेयर के साथ सबसे बड़े गठबंधन के रूम में सामने आया था. 2014 में यूपीए को सिर्फ 8% वोट शेयर मिला था, इस बार चार फीसदी के फायदे का अनुमान है. अन्य यानी एसपी और बीएसपी जैसी पार्टियों को 2014 में 49% वोट मिला था. सर्वे के मुताबिक फूलपुर और गोरखपुर सीट बीजेपी से छीनने वाले एसपी-बीएसपी गठबंधन को फायदा मिलता नजर आ रहा है.

  • सर्वे के नतीजों पर कांग्रेस के दिग्गज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ''ये जनता के भविष्य की लड़ाई है. इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे.'' एमपी में सीएम के सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आप अभी कांग्रेस के एक सामान्य कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं. सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता में कोई मतभेद नहीं है. कमलनाथ जी के साथ हम हर फैसले पर चर्चा करते हैं.

  • सर्वे के मुताबिक अभी तक की 260 सीटों में से एनडीए के हिस्से 164, यूपीए के हिस्से 68 और अन्य के खाते में 28 सीटें जाती नजर आ रही हैं. सर्वे के आंकड़ों से साफ है कि एनडीए को 2014 के मुकाबले नुकसान हो रहा है लेकिन अभी भी सबसे बढ़ा गठबंधन बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए ही है.

  • पश्चिम और मध्य भारत में लोकसभा की 118 सीटें हैं. इन सीटों पर अगर अभी लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो तो एनडीए 70 से 78 सीट, यूपीए को 41 से 47 सीट और अन्य को 0 से दो सीट मिलने का अनुमान है. पिछले चुनाव की बात करें तो एनडीए को 118 में से 108, यूपीए को 10 सीट मिलीं थीं, अन्य का खाता भी नहीं खुला था. 2014 के मुकाबले एनडीए को 34 सीटों का नुकसान होता दिखाई दे रहा है. पश्चिमी भारत के राज्यों की बात करें तो इसमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक देश के दिल मध्यप्रदेश में अगर अभी लोकसभा के चुनाव हों तो एनडीए को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है. सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में एनडीए को 40%, यूपीए को 50% और अन्य के हिस्से 10% वोट शेयर जाता नजर आ रहा है. 2014 की बात करें तो एनडीए को 54% वोट अपनी झोली में डाला था. सर्वे के मुताबिक एनडीए को 14% वोट प्रतिशत का नुकसान हो रहा है. यूपीए को 2014 में 35%  वोट शेयर मिला था, अभी चुनाव हों तो इसमें 15% की बढ़त हो सकती है. 2014 में अन्य के हिस्से 11% वोट शेयर आया था.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक गुजरात में अगर अभी लोकसभा चुनाव हों तो एनडीए को वोट शेयर के मामले में नुकसान होता नजर आ रहा है. एनडीए के खाते में 54%, यूपीए के खाते में 42% और अन्य के हिस्से 4% वोट शेयर जा सकता है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को 59% वोट शेयर मिला था यानी एनडीए को पांच फीसदी वोट शेयर का नुकसान हो रहा है. 2014 में यूपीए को 33% वोट मिला था, अभी चुनाव हों तो यूपीए को 9 फीसदी वोट शेययर का फायदा हो रहा है. 2014 में बीजेपी ने सभी 26 सीटों पर क्लीन स्वीप किया था, अभी चुनाव हों तो यहां कांग्रेस का खाता खुल सकता है.

  • पश्चिम भारत के राज्य महाराष्ट्र की बात करें तो यहां एनडीए मामूली नुकसान के बावजूद सबसे बड़ा गठबंधन बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर यूपीए को वोट शेयर के मामले में थोड़ी राहत मिलती दिखाई दे रही है. 48 सीट वाले महाराष्ट्र में अगर अभी चुनाव होंतो एनडीए को 48%, य़ूपीए को 40%, और अन्य को 12% वोट शेयर मिलने का अनुमान है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को 51%, यूपीए को 35% और अन्य के खाते में 14% वोट शेयर मिला था.  पिछले चुनाव के मुकाबले यूपीए का पांच प्रतिशत वोट शेयर बढ़ता दिखाई दे रहा है.

  • पूर्वी भारत की 142 सीटों में एनडीए के हिस्से में 86 से 94 सीटें, यूपीए के खाते में 22 से 26 और अन्य के खाते में 26 से 30 सीटें जाती नजर आ रहीं हैं. 2014 की बात करें एनडीए को 58, यूपीए को 21 और अन्य के खाते में 63 सीटें गई थीं. अन्य में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी शामिल है. 2014 के मुकाबले एनडीए को 32 सीटों का फायदा होता नजर आ रहा है. इन नतीजों के मायने समझें तो नीतीश के साथ आने से बीजेपी को फायदा और लालू यादव के जेल जाने से आरजेडी को नुकसान होता नजर आ रहा है. पूर्वी भारत के राज्यों की बात करें तो इसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड और असम हैं.

  • टीएमसी को 44% वोट शेयर मिलता दिखाई दे रहा है जो पिछले चुनाव में 39 फीसदी था. वहीं बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 24 फीसदी हो सकता है जो कि साल 2014 में 17 फीसदी रहा था. लेफ्ट के वोट शेयर की बात करें तो इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है और ये घटकर 17 फीसदी रह सकता है जो कि साल 2014 में 30 फीसदी रहा था. कांग्रेस का वोट शेयर मामूली बढ़कर 11 फीसदी हो सकता है जो साल 2014 में 10 फीसदी रहा था और अन्य का वोट शेयर 4 फीसदी ही रह सकता है जो 2014 में भी 4 फीसदी रहा था.

  • पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए अगर अभी वोटिंग हो तो एनडीए को जबरदस्त फायदा होगा. एनडीए के खाते में 24%, यूपीए को 11% और अन्य के खाते में 65% वोट शेयर जाता दिख रहा है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को सिर्फ 17% वोट हासिल हुए थे. यूपीए को 10% और अन्य के खाते में 73% वोट शेयर गया था. पार्टी के लिहाज से बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का जादू बरकरार है, वहीं दूसरी सबसे पार्टी बनती दिखाई दे रही है.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में अगर अभी लोकसभा के लिए वोट डाले जाएं तो एनडीए को फायदा होगा. एनडीए को 60%, यूपीए को 34%, अन्य को 6% वोट शेयर मिलने की उम्मीद है. 2014 की बात करें तो एनडीए को 51%, यूपीए को 28% और अन्य के खाते में 21% वोट शेयर गया था. 2014 में जेडीयू ने बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपी और जेडीयू साथ हैं. इसका साफ फायदा एनडीए को होता दिख रहा है. लालू यादव की पार्टी आरजेडी को 5% वोट शेयर का नुकसान होता दिख रहा है.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे पर मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, "कमलनाथ को मध्य प्रदेश की कमान सौंपने से कुछ नहीं होगा. कमलनाथ के आने के बाद कांग्रेस में उथलपुथल मची है. हमने जनता के कल्याण का काम किया है. बीजेपी मध्यप्रदेश में सरकार बनाने जा रही है. मध्यप्रदेश में किलानों के शिवराज सिंह चौहान ने जो किया वैसा काम किसी ने नहीं किया होगा.''

  • मध्यप्रदेश में जनता का क्या है मूड: एबीपी न्यूज़ सर्वे के मुताबिक 230 सीटों वाले मध्यप्रदेश में आज चुनाव हों तो यहां भी बीजेपी को झटका लग रहा है. बीजेपी को 34%, कांग्रेस 49% और अन्य के खाते में 17% वोट शेयर जाने की उम्मीद है. मध्यप्रदेश साल 2013 में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58 और अन्य को 7 सीटें मिली थीं. वोट शेयर की बात करें तो साल 2013 में बीजेपी को 45%, कांग्रेस को 36% और अन्य को 19% वोट शेयर मिला था.

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे पर राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा, ''इस सर्वे को चुनौती मानकर हम आगे काम करेंगे. कांग्रेस के खेमे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसे लेकर कलह मची हुई है.''

  • एबीपी न्यूज़ के सर्वे पर राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने कहा, ''राजस्थान में अगर हमारी सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कोई कांग्रेसी ही होगा. राजस्थान कांग्रेस में चेहरों की कमी नहीं है. हम सबका लक्ष्य है कि कांग्रेस की सरकार बने. बीएसपी के साथ गठबंधन हो या ना हो इसका फैसला पार्टी करेगी."

  • राजस्थान में जनता का क्या है मूड: राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होंने हैं, 2019 से पहले ये राज्य बीजेपी के लिए बड़ी परीक्षा है. एबीपी न्यूज़ सर्वे के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस वापसी कर सकती है. राज्सथान में बीजेपी को 39%, कांग्रेस को 44% और अन्य के खाते में 17% वोट शेयर जाने की उम्मीद है. पिछले चुनाव की बात करें तो बीजेपी 45%, कांग्रेस को 33% और अन्य को 22% वोट शेयर मिला था.


कैसे हुआ सर्वे?- मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर एबीपी न्यूज़ ने CSDS-लोकनीति के साथ देश का मूड जानने की कोशिश की. ये सर्वे 28 अप्रैल 2018 से 17 मई 2018 के बीच किया गया, 19 राज्यों में 700 जगहों की 175 विधानसभा सीटों पर जाकर 15859 लोगों की राय ली गई.