(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Times Now Navbharat ETG Survey: महाराष्ट्र से लोकसभा चुनाव में किसको कितनी सीटों का अनुमान, MVA और NDA में बड़ा फासला नहीं
Maharashtra Election Survey: टाइम्स नाउ नवभारत-ईटीजी सर्वे के मुताबिक, इस बार का आंकड़ा भी 2019 के आम चुनाव के नतीजों के इर्द-गिर्द ही रहने की उम्मीद है. बीजेपी को 28 सीटों पर जीत मिल सकती है.
Lok Sabha Election Survey: महाराष्ट्र में मचे सियासी बवाल का आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी पर कोई असर नहीं होने वाला है. टाइम्स नाउ नवभारत- ईटीजी के ताजा सर्वे में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे इसी ओर इशारा कर रहे हैं. सर्वे के मुताबिक, बीजेपी इस बार के आम चुनाव में पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटें जीत सकती है. वहीं, पिछली बार शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार पार्टी दो गुटों में बंट चुकी है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी की उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे में किसका पलड़ा भारी रहने वाला है.
2019 के मुकाबले इस बार स्थिति काफी ज्यादा अलग है. 2024 के आम चुनाव में शिवसेना के दो गुट चुनाव लड़ेंगे. पिछली बार बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन 2022 में शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बाद इस बार एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट चुनावी मैदान में उतरेंगे. सर्वे के मुताबिक, इस बार का आंकड़ा भी पिछली बार के नतीजों के इर्द-गिर्द ही रहने की उम्मीद है. बीजेपी को इसमें कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है, उल्टा उसे पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
टाइम्स नाउ नवभारत की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक, बीजेपी महाराष्ट्र की 22 से 28 लोकसभा सीटें जीत सकती है, जबकि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के महाविकास अघाड़ी (MVA) को 18 से 22 सीटें मिलने की उम्मीद है. महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी ने 2019 में 23 सीटें जीती थीं और शिवसेना को 18 पर जीत मिली थी. वहीं, एनसीपी ने 4 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी. 2014 के चुनाव में कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन को 42 सीटों पर जीत मिली थी.
महाराष्ट्र में सियासी बवाल जारी
2 जुलाई को अजित पवार समेत 9 विधायकों के बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होने के बाद महाराष्ट्र में सियासी बवाल मचा हुआ है. पार्टी दो गुटों में बंट गई है और अजित पवार व शरद पवार के बीच पार्टी पर कब्जे की लड़ाई शुरू हो गई है. पिछले साल एकनाथ शिंदे समेत 40 बागी विधायकों के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी.
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