नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस आज पार्टी का घोषणापत्र जारी करेगी. घोषणापत्र का सबसे बड़ा वादा हर गरीब परिवार को सालाना 72 हजार देने का है. राहुल गांधी पहले ही इस न्यूनतम आय गारंटी योजना और रोजगार के वादे चुनावी रैलियों में पहले ही कर चुके हैं. हालांकि बीजेपी राहुल गांधी के न्याय स्कीम से लेकर किसानों की कर्ज माफी को धोखा बता रही है.


आज कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में सबकुछ विस्तार से बताया जाएगा. दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी की मौजूदगी में वादों का पिटारा खुलेगा. घोषणापत्र पार्टी मुख्यालय में दोपहर 12 बजे जारी किया जाएगा.


कांग्रेस के घोषणापत्र में हो सकते हैं ये वादे






    • न्याय स्कीम: कांग्रेस का दावा है कि सरकार बनने पर देश के 5 करोड़ परिवारों को 72 हजार रुपए सालाना देगी ताकि उनकी न्यूनतम आय 12 हजार महीना तक पहुंच सके.







    • खाली पड़े 22 लाख सरकारी पदों को भरनाराहुल गांधी ने ट्वीट कर ये बड़ा एलान किया कि 30 मार्च 2020 तक उनकी सरकार खाली पड़े 22 लाख सरकारी पदों पर भर्तियां करेगी.







    • किसानों का 2 लाख तक कर्ज माफ करने का वादाविधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव के लिए भी राहुल किसानों की कर्जमाफी का वादा करने जा रहे हैं.







    • महिला आरक्षणमहिलाओं को लुभाने के लिए को कांग्रेस बड़ा वादा करने जा रही है कि संसद और विधानसभा के अलावा नौकरियों में भी महिलाओं के लिए करीब 33% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा.







    • GST में सुधार करटैक्स दर अधिकतम 18% करना:  मौजूदा जीएसटी को राहुल गांधी गब्बर सिंह टैक्स बताते हैं. कई भाषणों में वो GST में सुधार का वादा कर चुके हैं.







    • स्टार्टअप: स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 3 सालों तक टैक्स में छूट देने का वादा भी घोषणा पत्र का हिस्सा हो सकता है. युवा कारोबारियों के लिए ये वादा एक बड़ी राहत साबित हो सकती है.







    • शिक्षा पर GDP का 6% और स्वास्थ्य पर 3% खर्च करने का वादा: आम आदमी पॉलिटिक्स के तहत राहुल गांधी ने एलान किया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्चे को बढ़ाया जाएगा ताकि शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर सुधरे और आम लोगों का बोझ घटे.





  • अर्धसैनिक बलों के लिए सेना की तरह शहीद का दर्जा: राहुल गांधी का ये वादा राष्ट्रवाद के मोर्चे पर कांग्रेस को बढ़त दिल सकता है.


ये वादे भी घोषणापत्र में हो सकते हैं शामिल
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक,  इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम 100 दिनों का रोजगार, स्वास्थ्य का अधिकार, उच्च शिक्षा का अधिकार,  न्यायपालिका में SC/ST, OBC और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व बढ़ाने का प्रयास,  पिछड़े और दलित बेघरों को घर और कार्यक्षेत्र पर उनका उत्पीड़न रोकने को लेकर प्रयास,  धान और गेंहू का समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा जैसे वादे भी घोषणापत्र में शामिल हो सकते हैं.


राज्यों के लिए भी अलग-अलग घोषणापत्र ला सकती है कांग्रेस
कांग्रेस के घोषणापत्र की अहम बात ये भी है कि इसके लिए पार्टी ने आम लोगों से भी सुझाव मांगे गए थे. सूत्रों के मुताबिक, वेबसाइट, व्हाट्सएप, ई मेल आदि से 30 हजार से ज्यादा सुझाव पार्टी के पास आए. कांग्रेस नेताओं ने देश भर में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के साथ बैठकें कर घोषणापत्र के लिए सलाह मशविरा भी किया. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हर राज्य के लिए भी अलग-अलग घोषणापत्र ला सकती है.

राहुल गांधी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को अधिकार आधारित घोषणापत्र बनाने की कोशिश की है. कांग्रेस ने ऐसा घोषणापत्र तैयार किया है, जिससे समाज के अलग-अलग तबकों को लुभाया जा सके लेकिन उसकी असली चुनौती तमाम गैर बीजेपी दलों को एक मंच पर लाकर सरकार बनाने की है. क्योंकि घोषणापत्र तो इसके बाद ही लागू हो पाएगा.